आर्थिक संकट से जूझ रहे शिक्षामित्र

सिद्धार्थनगर : जुलाई 2017 में शिक्षक पद पर समायोजन निरस्त होने के बाद से ही शिक्षा मित्रों का मानदेय भुगतान भगवान भरोसे हो गया है। परिषदीय शिक्षा मित्रों की आर्थिक स्थिति बहुत ही बदतर हो गई है, क्योंकि इन्हें 6 महीने से मानदेय भुगतान नहीं हो सका है।
जबकि सर्वशिक्षा अभियान के तहत चयनित शिक्षा मित्रों को भी दो महीने से मानदेय नहीं मिला है। घर का खर्च, बच्चों की पढ़ाई, दवा आदि जरूरतों को लेकर हर कोई ¨चतित है।

शिक्षा मित्रों को पिछली राज्य सरकार ने वर्ष 2011 में दो वर्ष का दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बीटीसी का प्रशिक्षण देकर बाद सहायक अध्यापक पर समायोजित कर दिया। जिससे उनका वेतन करीब चालिस हजार हो गया था। जबकि समायोजन के पूर्व इनका मानदेय 3500 रूपए था। 12 सितंबर 2015 को हाईकोर्ट ने समायोजन निरस्त कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पहले तो स्थगन आदेश दिया, पर बाद में 25 जुलाई 17 को पुन: समायोजन निरस्त कर दिया गया। तब सरकार ने मानदेय में वृद्धि करते हुए दस हजार कर दिया। मगर जनपद में तैनात करीब 495 परिषदीय शिक्षा मित्रों को हर माह मानदेय देना तो बड़ी बात सितंबर 17 से फरवरी 18 तक का मानदेय अभी तक नहीं दिया है। सुशीला यादव, हकीमुल्लाह, विजय बहादुर, हेमलता, ऊषा, कृष्णमोहन पाण्डेय ने बताया कि समायोजन निरस्त होने से एक तो वैसे ही परेशानी बढ़ी, ऊपर से मानदेय भुगतान न होने से व्यापक आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। एसएसए के शिक्षामित्र दीप नरायण, दिनेश पाण्डेय, मो.हफीज, अजीजुर्रहमान, जगप्रसाद, तौफीक अहमद, रश्मि मिश्रा, राम सजीवन आदि ने बताया कि अप्रैल व मई 18 का मानदेय अभी तक नहीं मिला। सभी विभागीय अधिकारियों से आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है।