अंग्रेजी माध्यम मॉडल स्कूलों में शिक्षकों की कमी और किताबें न मिलने से नहीं हो पा रही पढ़ाई

प्रतापगढ़ : ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद स्कूल खुले चार दिन हो गए। वहीं अभी तक परिषदीय प्राथमिक व अंग्रेजी माध्यम मॉडल स्कूलों के बच्चों को उनके पाठ्यक्रम की पुस्तकें नहीं मिल सकी हैं, वहीं 25 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षक ही नहीं हैं।
खाली बैग लेकर बच्चे स्कूल जा रहे हैं और मौजमस्ती कर घर लौट रहे हैं। कई स्कूलों में इकलौते गुरु जी पर पूरे स्कूल की जिम्मेदारी है। महकमे ने यहां के 132 प्राइमरी स्कूलों को कान्वेंट की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने के लिए चयनित किया गया था। इनमें से 25 विद्यालय ऐसे हैं जिन्हें शिक्षकों के अभाव में संचालित नहीं किया जा सका। बिना पुस्तकों के ही खाली स्कूल बैग लेकर बच्चे पढ़ने आ रहे हैं, उन्हें किताबों के लिए अभी और कितना इंतजार करना पड़ेगा, जिम्मेदार यह नहीं बता पा रहे हैं। वहीं पुस्तकें न होने से स्कूल में बच्चों का अधिकांश समय मौजमस्ती में बीत रहा है। कुछ विद्यालयों में पूर्व में बची पुस्तकों को बांटा जा रहा है।
जागरण की पड़ताल में पाया गया कि प्राथमिक विद्यालय सदर बाजार में मरियम फातमा पिछले कई सालों से अकेले ही 200 बच्चों को पढ़ा रही हैं, जबकि इस विद्यालय में पांच शिक्षक होने चाहिए। उनके साथ अभी तक एक शिक्षामित्र सुषमा सिंह ही हैं। यहां बुधवार को 30 बच्चे आए थे। कन्या पाठशाला पुराना मालगोदाम रोड पर अकेले राकेश पांडेय बच्चों को पढ़ाते मिले। यहां पंजीकृत कुल पंद्रह बच्चे हैं। कक्षा पांच के सभी चार बच्चों को किताबें मिल गई हैं। प्राथमिक विद्यालय पुराना मालगोदाम रोड में बुधवार को पंजीकृत 45 में से 12 बच्चे आए थे। यहां प्रधानाध्यापिका मंजूलता ने बच्चों को प्रार्थना कराई। प्राथमिक विद्यालय बाबागंज में 19 बच्चे आए थे। यहां के प्रधानाध्यापक कलीमुद्दीन व शिक्षामित्र गीता पाल बच्चों को पढ़ाने के साथ ड्रेस बांट रहीं थीं। इसी प्रकार पूर्व माध्यमिक विद्यालय सराय आनादेव प्रथम में हेड मास्टर शाह आलम ने बच्चों को बैग बांटा। यहां पंजीकृत 100 बच्चों में से 15 बच्चे आए थे। सगरासुंदरपुर संवादसूत्र के अनुसार प्राथमिक विद्यालय बाबूगंज में प्रधानाध्यापिका सुनीता, शिक्षिका प्रतिमा व शिक्षा मित्र नासिर अली पढ़ा रहे थे।
डेरवा संवाद सूत्र के अनुसार प्राथमिक विद्यालय कानूपुर में बाउंड्री नहीं है, पेयजल का भी संकट है। हैंडपंप बदबूदार पानी दे रहा है। हेड मास्टर मनोज त्रिपाठी, शिक्षक आशीष मिश्र व शिक्षामित्र अवधेश शुक्ल की यहां तैनाती है। माडल प्राइमरी स्कूल जेठवारा में अभी तक पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती नहीं हुई है। प्रधानाध्यापक लालमणि गौतम के साथ ही शिक्षामित्र राकेश मिश्र, शीला देवी व नीलम की यहां तैनाती है। यहां पंजीकृत 115 बच्चों में से 30 आए थे। जागरण टीम पहुंचने पर बच्चे मिड-डे-मील ग्रहण करते मिले। अभी तक बच्चों को किताबें नहीं मिल सकी हैं। बीएसए अशोक कुमार सिंह का कहना है कि 132 अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में से 107 में शिक्षकों की नियुक्ति करके संचालन शुरू करा दिया गया है। शेष बचे 25 विद्यालयों में जुलाई में शिक्षकों की नियुक्ति करके उन्हें संचालित कराया जाएगा।