शिक्षामित्रों ने मनाया काला दिवस, साथियों को दी श्रद्धांजलि

जासं, कौशांबी : शिक्षामित्रों का समायोजन 25 जुलाई 2017 को रद हुआ था। इसको लेकर बुधवार को उन्होंने काला दिवस मनाते हुए काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य किया। विद्यालय बंद होने के बाद मंझनपुर के डायट मैदान परिसर में बैठक कर समस्याओं का ज्ञापन डीएम को देकर समाधान की मांग की। साथ ही एक साल में समायोजन निरस्त होने के सदमे में मृत साथियों को श्रद्धांजलि दी।


डायट मैदान परिसर में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ जिलाध्यक्ष रत्नाकर ¨सह ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में करीब 1.70 लाख शिक्षामित्र 18 साल से पढ़ा रहे थे। वर्ष 2011 में तत्कालीन सरकार ने स्नातक शिक्षामित्रों को बीटीसी का प्रशिक्षण कराने के बाद 31 जुलाई 2014 में प्रथम बैच व मई 2015 में द्वितीय बैच को सहायक अध्यापक पद में समायोजित कर दिया। 25 जुलाई 2017 में उच्च न्यायालय ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद कर दिया। इसी पूरी प्रक्रिया में शिक्षामित्र का कोई दोष नहीं है। इसके बाद भी इसकी सजा शिक्षामित्र को मिल रही है। नौकरी जाने के गम में पूरे प्रदेश में करीब 800 शिक्षामित्रों की सदमे में मौत हो गई है। इसके लिए उनके परिवार के लोगों की स्थित को देखते हुए एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देनी चाहिए। शिक्षामित्रों को मध्य प्रदेश सरकारी की तरह ही मौका देना चाहिए कि अपनी योग्यता सिद्ध कर करें। उन्होंने इस दौरान सभी के लिए समान कार्य समान वेतन के आदेश के क्रम में 12 माह तक वेतन दिए जाने की मांग उठाई। जिलाध्यक्ष आदर्श शिक्षामित्र संघ सोम प्रकाश मिश्र ने बताया कि सरकार की ओर से हर बार धरना प्रदर्शन के बाद न्यायोचित हल निकाले जाने का आश्वासन दिया। बैठक के बाद शिक्षामित्र कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां उन्होंने अतिरिक्त एसडीएम शिव नारायण ¨सह को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। इसके बाद सभी ने डायट मैदान में कैडल जलाकर मृत साथियों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर इरशाद अहमद, विद्यासागर शुक्ल, नथनलाल सरोज, भोलानाथ कुशवाहा, कमल ¨सह, आशाकांत शुक्ल, सुरेश कुमार, धनंजय, सुचित्रा विश्वकर्मा, वीरेंद्र कुमार आदि लोग मौजूद रहे।