गोरखपुर : सिद्धार्थनगर में बेसिक शिक्षाधिकारी राम ¨सह की तहरीर पर सदर
पुलिस ने कार्यालय में ताला तोड़े जाने को लेकर मुकदमा दर्ज किया। कार्यालय
में ताला तोड़ने को लेकर 38 फर्जी शिक्षकों पर बीएसए ने संदेह जताया है। वह
फर्जी शिक्षक जिन्हें चार दिन पूर्व बर्खास्त किया गया है।
सदर सहित स्वाट
टीम को भी मामले के खुलासे के लिए लगाया गया है। मुकदमा भले ही देर में
लिखा गया, पर पुलिस सुबह से ही मामले की छानबीन में जुटी थी। पुलिस सुबह 10
बजे से ही स्वाट टीम व सदर पुलिस बीएसए कार्यालय डटी रही। ¨फगर एक्सपर्ट
की टीम ने खंगाला
बीएसए कार्यालय को एक दिन पूर्व ही ¨फगर एक्सपर्ट की टीम ने खंगाला। कई
स्थानों से उंगलियों के निशान भी लिए। प्रभारी थानाध्यक्ष चंदन कुमार का
कहना है कि ¨फगर एक्सपर्ट टीम भी गंभीरता से लगी है। नकाबपोश की छानबीन में
जुटी पुलिस
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो इसमें तीन नकाबपोश सुबह करीब पांच
बजे दफ्तर में घुसते देखे गए। वहां वह दो भारी-भरकम कपड़े से बंधे बंडल
उठाते दिखे हैं, पर सुबह कमरे के द्वार पर एक बंडल बंधा व दूसरा बिखरा मिला
था। हालांकि विभाग कोई भी दस्तावेज गायब होना नहीं बता रहा है। उसने यह भी
कहा है कि 38 फर्जी शिक्षकों से संबंधित दस्तावेज आलमारी में थे। वहां का
ताला तोड़ने का प्रयास किया गया पर आरोपितों को सफलता नहीं मिल सकी। कुंडी
तोड़ने पर भी उठ रहे सवाल
कार्यालय के मुख्य चैनल गेट का ताला सोमवार को खुला पाया गया था, जबकि
वरिष्ठ लिपिक के कार्यालय का ताला टूटा पाया गया। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी
है कि यदि चैनल गेट की चाभी की व्यवस्था हो सकती है तो लिपिक के कक्ष की
क्यों नहीं? चौकीदार इतना बड़ा रिस्क कैसे ले सकता है? यदि किसी ने
डुप्लीकेट चाभी का प्रबंध किया तो भीतर के कक्ष का क्यों नहीं। ऐसे कई सवाल
हैं, जो यह इशारा करते हैं कि इसमें आरोपितों की किसी न किसी विभागीय
व्यक्ति से सांठ-गांठ अवश्य है। भिन्न बयान पर भी संदेह
अपर पुलिस अधीक्षक मुन्ना लाल के मुताबिक उन्होंने चौकीदार से पूछताछ
की तो उसने बताया कि ताला रात में ही टूटा हुआ था पर रात में मोबाइल पास न
होने व बेटे की तबीयत खराब होने से वह सूचित नहीं कर सका। सीसीटीवी फुटेज
में घटना सुबह करीब पांच बजे की है। इसके बावजूद संबंधित कक्ष के लिपिक को
सुबह 9.29 पर मोबाइल पर सूचना मिल रही है। ऐसे में चौकीदार की भूमिका भी
संदेह के घेरे में है। सवाल यह भी है कि लिपिक को इसकी सूचना देर से क्यों
हुई। बीएसए द्वारा दी गई तहरीर में यह भी कहा गया है कि लिपिक मौके पहुंचे
तो वहां पुलिस अधिकारी, पुलिस बल, अन्य कर्मचारी मौजूद थे। ऐसे में सवाल
उठना लाजिमी है कि मामले की जानकारी अधिकांश लोगों को हो गई और सभी मौके पर
पहुंच भी गए। संबंधित लिपिक को मामले की जानकारी देर से हुई अथवा वह देर
से पहुंचे। मामले में पेंच कई हैं, पर खुलासा जांच के बाद ही हो सकता है।
आखिर देर रात में क्यों दी तहरीर
घटना सुबह की है। बेसिक शिक्षाधिकारी को घटना की सूचना सोमवार सुबह
9.32 पर दी गई। बावजूद इसके रात करीब दस बजे सदर थाने में तहरीर दी गई और
यह बताया गया कि कक्ष में 16668 सहायक शिक्षकों के भर्ती से संबंधित
दस्तावेज थे। उनके दस्तावेज सुरक्षित भी हैं। विभाग 38 फर्जी शिक्षकों के
भी दस्तावेज सुरक्षित बता रहा है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि दस्तावेज
का मिलान किया जा रहा है। कुछ गायब होगा तो जानकारी दी जाएगी।
- अभी कोई सफलता नहीं मिल सकी है। स्वाट व सदर टीम जांच में जुटी है।
लोगों से पूछताछ की जा रही है। तहरीर मिलते ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया था।
- चंदन कुमार, प्रभारी थानाध्यक्ष
-
भर्ती से जुड़े दस्तावेज डबल लाक में किए जाएंगे सुरक्षित
जिले में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर बर्खास्त किए गए 38 शिक्षकों
का दस्तावेज सुरक्षित रखा जाएगा। इसकी अनुमति डीएम कुणाल सिल्कू ने बीएसए
को दे दी है। जल्द ही जरूरी कागजात को कोषागार के डबल लाक में रख दिया
जाएगा।
डीएम से शिकायत के बाद 66 शिक्षकों के दस्तावेज की जांच कराई गई थी।
जांच के दौरान 38 शिक्षक दूसरे के दस्तावेज पर नौकरी करते हुए पाए गए थे।
विभाग ने कार्रवाई करते हुए सभी फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। इस
मामले में सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने की कवायद में विभाग लगा हुआ
है। जांच की सभी फाइलें इस वक्त बीएसए कार्यालय में रखी गई है। विभाग को
अंदेशा है कि फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेज को मिलीभगत से गायब किया जा सकता
है। बीएसए ने सभी जरूरी कागजात को सुरक्षित डबल लाकर में रखवाने का अनुरोध
डीएम से किया था। डीएम ने कागजातों को सुरक्षित रखने की अनुमति दे दी है।
- पुलिस सुरक्षा में रखी जाएगी फाइल
बीएसए कार्यालय से डबल लाक में रखने के लिए ले जाए जाने के वक्त पुलिस
सुरक्षा का इंतजाम रहेगा। पुलिस की निगरानी में सभी दस्तावेज कोषागार के
लाकर में बंद ताले के बीच रखा जाएगा। विभाग का कहना है कि लाकर में
कागजातों को रखे जाने पर इसके गायब होने की आशंका नहीं रहेगी।
- क्या कहते हैं जिम्मेदार
डीएम ने फर्जी शिक्षकों से जुड़े सभी दस्तावेजों को डबल लाकर में रखने
की अनुमति दे दी है। जल्द ही सभी कागजातों को लाकर में रखवाया जाएगा।
- राम¨सह, बीएसए
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