68500 शिक्षकों की जल्द नियुक्ति में जुटी परिषद, परिषद सचिव ने की एनआइसी से वेबसाइट शुरू कराने की पहल

इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों को कम समय में नियुक्ति दिलाने की इस बार मिसाल बनने जा रही है। बेसिक शिक्षा परिषद वैसे तो नियुक्ति का प्रस्ताव पहले ही भेज चुका है लेकिन, अब उसमें भी ऐसे बदलाव करने पर मंथन शुरू हो गया है, जिससे चयनितों की तैनाती जल्द हो जाए।
बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा ने मंगलवार को एनआइसी से वार्ता करके वेबसाइट शुरू कराने को कहा है। साथ ही आवेदन लेने से लेकर अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र देने तक का खाका नए सिरे से खींचा जा रहा है, क्योंकि पहले के प्रस्ताव में प्रक्रिया ज्यादा समय लग रहा है। उस अवधि को घटाने पर तेजी से मंथन हो रहा है।

सूत्रों के अनुसार नियुक्ति देने का शासनादेश इसी सप्ताह जारी हो सकता है, इसी के साथ ही नियुक्ति की प्रक्रिया भी परिषद घोषित करेगा, पहले से तय योजना में अब छिटपुट बदलाव संभावित है। एक दो दिन में भर्ती की तस्वीर साफ होगी।

वेटेज अंक व उम्र सीमा में छूट पर टिकी निगाहें : परिषदीय स्कूलों की सहायक अध्यापक की नियुक्ति से पहले शिक्षामित्रों को वेटेज अंक व उम्र सीमा में छूट भी तय करनी है। रिजल्ट में कम अभ्यर्थियों के सफल होने से वेटेज अंक का लाभ किस तरह से मिलेगा यह स्पष्ट नहीं है लेकिन, उम्र सीमा में छूट से जरूर शिक्षामित्रों को राहत मिलेगी। शासन ने पहले शिक्षामित्रों को अधिकतम 25 अंक देने का वादा किया था। वहीं, उम्र सीमा छूट पर नियुक्ति के समय निर्णय करने का आश्वासन दिया गया था।

शिक्षक भर्ती में जिलों को वरीयता व तय पदों से अधिक अभ्यर्थियों के उत्तीर्ण होने पर शिक्षामित्रों के वेटेज अंक अन्य अभ्यर्थियों को पीछे छोड़ने में सहायक बनते लेकिन, रिजल्ट से गुणवत्ता अंक का लाभ मिलने की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं। हालांकि शासन शीर्ष कोर्ट के निर्देश का अनुपालन जरूर करेगा, पर लाभ किस तरह से देगा इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं। माना जा रहा है कि परिषद को नियुक्ति के शासनादेश के साथ ही इन दोनों मामलों से पर्दा उठेगा।

सफल अभ्यर्थियों को लेकर कई दावे
शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को लेकर तरह-तरह के दावे हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि करीब बीस हजार से अधिक शिक्षामित्र उत्तीर्ण हुए हैं। कुछ इनकी संख्या और कम बता रहे हैं। यह भी चर्चा है कि कुछ वर्गो के अधिकांश अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं, नियुक्ति में आरक्षण लागू होने पर उन सभी की तैनाती हो पाने पर संशय है, जबकि दूसरे वर्गो के तमाम पद खाली रह जाएंगे।

अंक प्रतिशत घटने से भी सीटें भरने पर संशय : अभ्यर्थी रिजल्ट तैयार होने के समय से ही तमाम तरह की अटकलें लगा रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि यदि सरकार कोर्ट से पांच फीसदी अंक घटा लेने में सफल होती है तो भी सभी सीटें नहीं भर रही हैं, यह जरूर है कि कुछ हजार अभ्यर्थियों को और नियुक्ति मिल जाएगी। वहीं, यदि 21 मई के उत्तीर्ण प्रतिशत पर रिजल्ट आता तो तय पदों से अधिक अभ्यर्थी सफल होते, तब शिक्षामित्रों का वेटेज अंक व उम्र सीमा का लाभ दिखाई पड़ता।