इसके पहले कई बार केंद्र और राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट से कहा था कि
समान वेतन देने की आर्थिक स्थिति नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से एटार्नी
जनरल वेणु गोपाल ने कोर्ट को बताया कि अपना पक्ष लिखित और मौखिक रूप में
दोनों पहले ही रख दिया है।
समान वेतन देने में 1.36 लाख करोड़ का अतिरिक्त
भार केंद्र सरकार पर पड़ेगा, जो वहन करना संभव नहीं है। बिहार में शिक्षकों
को समान वेतन देने पर अन्य राज्यों से भी यह मुद्दा उठेगा। राज्य सरकार की
ओर से सीनियर वकील श्याम दीवान ने कहा- एक छत के नीचे पढ़ाने के कारण ही
नियोजित शिक्षक समान वेतन मांग रहे हैं। राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति ऐसी
नहीं है कि 3.56 लाख नियोजित शिक्षकों को पुराने शिक्षकों के बराबर समान
वेतन दे सके। सरकार ने पिछले 11 वर्षों में शिक्षकों 7 गुना से अधिक वेतन
में बढ़ोतरी हुई। आगे भी बढ़ोतरी जारी रहेगी।
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