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प्रदेश में उच्च शिक्षा की गाड़ी अब पटरी पर : दीक्षा समारोह में बोले राज्यपाल, कहा डिग्री धारकों में 50 फीसद छात्रओं का होना शुभ संकेत, नकल के कैंसर पर काबू पाने को बड़ी उपलब्धि बताया

उत्तर प्रदेश के बारे में अन्य प्रदेशों के लोगों की धारणा अब बदल रही है। यहां उच्च शिक्षा की गाड़ी अब पटरी पर आ गई है। सरकार ने कैंसर का रूप ले चुके नकल पर काबू पा लिया है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आया है। बेटियां पढ़ रही हैं और बढ़ रही हैं।
प्रदेश के 26 विश्वविद्यालयों के पिछले साल हुए में दी गई उपाधियों में आधी उपाधियां छात्रओं को मिली हैं। यह शुभ संकेत है। यह बातें मंगलवार को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के 13वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति व राज्यपाल रामनाईक ने कहीं। 1उन्होंने कहा कि के देश के विकास के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक नागरिक अत्याधुनिक ज्ञान-विज्ञान युगानुकूल शिक्षा ग्रहण करे। बदलती हुई दुनिया में आगे बढ़ने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा है। इसमें कड़ी मेहनत के साथ-साथ प्रमाणिकता और पारदर्शिता आवश्यक है। शार्टकट से आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। गलतियों से सीख लें व आत्म परीक्षण करें। कमियां दूर होंगी और सफलता आपके चरण चूमेगी। राज्यपाल ने कहा कि इस साल प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में 84 दिनों के भीतर होंगे। 24 अगस्त से 15 नवम्बर 2018 तक प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में करा लिए जाएंगे। गत वर्ष 253 दिनों में हुए थे। राज्यपाल ने अगले वर्ष प्रयाग में लगने वाले कुंभ की ऐतिहासिकता का जिक्र करते हुए कहा कि देश-विदेश से आने वाले 12 करोड़ श्रद्धालुओं की मेजबानी के लिए राजर्षि टंडन जैसे मनीषी के नाम पर स्थापित इस मुक्त विश्वविद्यालय की अहम भूमिका हो सकती है। विश्वविद्यालय अपने स्तर पर क्या योगदान कर सकता है इस पर विचार करना चाहिए। इस अवसर पर राज्यपाल ने विभिन्न विद्या शाखाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को 17 स्वर्ण पदक प्रदान किए। लगभग 21 हजार शिक्षार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। कुलाधिपति स्वर्ण पदक फुंदी सिंह लौना राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय जालौन की छात्र अंजली भदौरिया को प्रदान किया। अंजली ने पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में स्नातक (बीएलआइएस) की परीक्षा सर्वाधिक 85.40 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की। समारोह को मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव व कुलपति प्रो. कामेश्वरनाथ ने भी संबोधित किया।

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