देश को नई शिक्षा नीति अगले महीने मिलने की उम्मीद है। एचआरडी मिनिस्टर
प्रकाश जावडेकर ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि 21 अक्टूबर तक नई शिक्षा
नीति आ जाएगी जो देश की शिक्षा व्यवस्था को 2020 से 2040 तक का ध्यान रखते
हुए गाइड करेगी।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी अपने तीन दिन की लेक्चर सीरीज
में उम्मीद जताई कि नई शिक्षा नीति जल्द आएगी। साथ ही कहा कि वेद, पुराण,
रामायण पढ़ाया जाना चाहिए और यह शिक्षा नीति का हिस्सा होना चाहिए। नई
शिक्षा नीति तैयार होने को लेकर एचआरडी मिनिस्ट्री कई बार डेडलाइन दे चुकी
है। इसे वैसे तो पिछले साल ही आना था लेकिन फिर इस साल 31 मार्च तक की
तारीख दी गई। लेकिऩ इसके बाद फिर से पॉलिसी ड्राफ्ट बना रही कमिटी को और
तीन महीने का वक्त दिया गया लेकिन जून तक भी पॉलिसी नहीं आ पाई। एनबीटी से
बात करते हुए एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पहली बार भारत में
शिक्षा नीति बनाने को लेकर इतनी बड़ी एक्सरसाइज हुई है। हमने पंचायत स्तर
से लेकर संसद तक हर स्तर पर शिक्षा नीति के लिए सुझाव लिए हैं। उन्होंने
कहा कि इसका ड्राफ्ट तैयार हो गया है और 21 अक्टूबर तक यह सामने आ जाएगा।
संघ की तरफ से भी शिक्षा नीति को लेकर सुझाव दिए गए थे। संघ को उम्मीद है
कि उन सुझावों को शिक्षा नीति में जगह मिलेगी। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने
कहा कि ‘आधुनिक शिक्षा प्रणाली में जो लेने लायक है वह लेते हुए अपनी
परंपरा से जो लेना है वह लेकर एक नई शिक्षा नीति बनानी चाहिए, नई शिक्षा
नीति आने वाली है आशा करता हूं कि उसमें यह सब बातें होंगी।’ उन्होंने कहा
कि ‘चारों वेद, पुराण, रामायण, गीता, दर्शन, जैन धर्म की शिक्षा आदि भारत
के लोगों को मिलना ही चाहिए।’