अधिकांश प्रशिक्षुओं के अंकों में बदलाव नहीं हुआ है, छिटपुट अभ्यर्थियों के ही अंक बदले हैं। ऐसे में 12 हजार से अधिक प्रशिक्षु फेल ही रहेंगे। 1परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने 15 सितंबर को बीटीसी वर्ष 2015 तृतीय सेमेस्टर का रिजल्ट जारी किया था। इस परीक्षा के लिए पंजीकृत 76700 प्रशिक्षुओं में से 76607 शामिल हुए। उनमें से 63574 उत्तीर्ण और 12770 प्रशिक्षु अनुत्तीर्ण हो गए थे। उसी बीच कुछ विषयों में प्रशिक्षुओं को पूर्णाक से भी अधिक अंक मिलने की शिकायत हुई। यह भी आरोप लगा कि कई मेधावी प्रशिक्षु कई विषयों में अनुत्तीर्ण हैं, जबकि वे पिछली सेमेस्टर परीक्षाओं में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने इस मामले में डायट प्राचार्यो को निर्देश दिया कि कॉपियों की स्क्रूटनी कराई जाए और पूर्णाक से अधिक अंक मिलने दिए जाने सहित अन्य शिकायतों पर भी संबंधित डायट प्राचार्यो से जवाब-तलब किया। कार्यालय की मानें तो सभी जगह से स्क्रूटनी व अन्य रिपोर्ट आ गई है, उसमें पूर्णाक से अधिक अंक देने वालों पर कार्रवाई करने की तैयारी है, जबकि बाकी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सही मिला है, कुछ प्रशिक्षुओं के ही अंकों में बदलाव हुआ है। इस मामले को प्रशिक्षुओं ने हाईकोर्ट में भी चुनौती दी थी, जिस पर कोर्ट ने जवाब मांगा है, सचिव परीक्षा नियामक जल्द ही कोर्ट में इस संबंध में हलफनामा देंगे। यह जरूर है कि जिन प्रशिक्षुओं का बैक पेपर आया है उनकी परीक्षा भी जल्द कराई जा सकती है।
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बीटीसी के 12 हजार प्रशिक्षु फेल ही रहेंगे, कॉपियों की स्क्रूटनी से नहीं मिली राहत
इलाहाबाद : बीटीसी वर्ष 2015 के प्रशिक्षुओं को कॉपियों की स्क्रूटनी
कराने में राहत नहीं मिल सकी है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी
डायट पर हुआ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन लगभग सही मिला है।
अधिकांश प्रशिक्षुओं के अंकों में बदलाव नहीं हुआ है, छिटपुट अभ्यर्थियों के ही अंक बदले हैं। ऐसे में 12 हजार से अधिक प्रशिक्षु फेल ही रहेंगे। 1परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने 15 सितंबर को बीटीसी वर्ष 2015 तृतीय सेमेस्टर का रिजल्ट जारी किया था। इस परीक्षा के लिए पंजीकृत 76700 प्रशिक्षुओं में से 76607 शामिल हुए। उनमें से 63574 उत्तीर्ण और 12770 प्रशिक्षु अनुत्तीर्ण हो गए थे। उसी बीच कुछ विषयों में प्रशिक्षुओं को पूर्णाक से भी अधिक अंक मिलने की शिकायत हुई। यह भी आरोप लगा कि कई मेधावी प्रशिक्षु कई विषयों में अनुत्तीर्ण हैं, जबकि वे पिछली सेमेस्टर परीक्षाओं में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने इस मामले में डायट प्राचार्यो को निर्देश दिया कि कॉपियों की स्क्रूटनी कराई जाए और पूर्णाक से अधिक अंक मिलने दिए जाने सहित अन्य शिकायतों पर भी संबंधित डायट प्राचार्यो से जवाब-तलब किया। कार्यालय की मानें तो सभी जगह से स्क्रूटनी व अन्य रिपोर्ट आ गई है, उसमें पूर्णाक से अधिक अंक देने वालों पर कार्रवाई करने की तैयारी है, जबकि बाकी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सही मिला है, कुछ प्रशिक्षुओं के ही अंकों में बदलाव हुआ है। इस मामले को प्रशिक्षुओं ने हाईकोर्ट में भी चुनौती दी थी, जिस पर कोर्ट ने जवाब मांगा है, सचिव परीक्षा नियामक जल्द ही कोर्ट में इस संबंध में हलफनामा देंगे। यह जरूर है कि जिन प्रशिक्षुओं का बैक पेपर आया है उनकी परीक्षा भी जल्द कराई जा सकती है।
अधिकांश प्रशिक्षुओं के अंकों में बदलाव नहीं हुआ है, छिटपुट अभ्यर्थियों के ही अंक बदले हैं। ऐसे में 12 हजार से अधिक प्रशिक्षु फेल ही रहेंगे। 1परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने 15 सितंबर को बीटीसी वर्ष 2015 तृतीय सेमेस्टर का रिजल्ट जारी किया था। इस परीक्षा के लिए पंजीकृत 76700 प्रशिक्षुओं में से 76607 शामिल हुए। उनमें से 63574 उत्तीर्ण और 12770 प्रशिक्षु अनुत्तीर्ण हो गए थे। उसी बीच कुछ विषयों में प्रशिक्षुओं को पूर्णाक से भी अधिक अंक मिलने की शिकायत हुई। यह भी आरोप लगा कि कई मेधावी प्रशिक्षु कई विषयों में अनुत्तीर्ण हैं, जबकि वे पिछली सेमेस्टर परीक्षाओं में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने इस मामले में डायट प्राचार्यो को निर्देश दिया कि कॉपियों की स्क्रूटनी कराई जाए और पूर्णाक से अधिक अंक मिलने दिए जाने सहित अन्य शिकायतों पर भी संबंधित डायट प्राचार्यो से जवाब-तलब किया। कार्यालय की मानें तो सभी जगह से स्क्रूटनी व अन्य रिपोर्ट आ गई है, उसमें पूर्णाक से अधिक अंक देने वालों पर कार्रवाई करने की तैयारी है, जबकि बाकी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सही मिला है, कुछ प्रशिक्षुओं के ही अंकों में बदलाव हुआ है। इस मामले को प्रशिक्षुओं ने हाईकोर्ट में भी चुनौती दी थी, जिस पर कोर्ट ने जवाब मांगा है, सचिव परीक्षा नियामक जल्द ही कोर्ट में इस संबंध में हलफनामा देंगे। यह जरूर है कि जिन प्रशिक्षुओं का बैक पेपर आया है उनकी परीक्षा भी जल्द कराई जा सकती है।