Lucknow: Allahabad name changed by Prayagraj, Yogi Sarkar, after
taking a big step before the Kumbha going to be held in 2019, has
decided to change the year old name of Allahabad to Prayagraj. Earlier,
Allahabad's name was Prayag.
The government has been justified and
rational to get back the old name of Prayagraj, representing the entire
cultures. This change will be far-reaching in the political, social,
historical and cultural sphere.
लखनऊ : वर्ष 2019 में होने जा रहे कुंभ से पहले योगी सरकार ने बड़ा कदम
उठाते हुए इलाहाबाद का वर्ष पुराना नाम बदलकर प्रयागराज करने का फैसला किया
है। पहले भी इलाहाबाद का नाम प्रयाग था। संपूर्ण संस्कृतियों का
प्रतिनिधित्व करने वाले प्रयागराज का पुराना नाम वापस मिलने को सरकार ने
न्यायपूर्ण और तर्कसंगत ठहराया है। यह बदलाव राजनीतिक, सामाजिक, ऐतिहासिक
और सांस्कृतिक क्षेत्र में दूर तक असर डालेगा।1लोकभवन में मंगलवार को
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक
में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किये जाने समेत कुल 12 प्रस्तावों को मंजूरी
मिली। राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने
बताया कि यह मांग काफी दिनों से की जा रही थी और नाम बदलने के लिए खुद
उन्होंने भी राज्यपाल और मुख्यमंत्री से आग्रह किया था। शनिवार को इलाहाबाद
में कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक में प्रयागराज नाम रखने का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रखा जिसे सबकी सहमति मिली। कैबिनेट में
प्रस्ताव आने के बाद सभी सदस्यों ने करतल ध्वनि से इसका स्वागत किया।
सिद्धार्थनाथ ने कहा कि अब आगे इसके लिए जरूरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और इलाहाबाद
रेलवे स्टेशन का नाम भी प्रयागराज किये जाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र
लिखा जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राचीन ग्रंथों में देश में कुल 14 प्रयाग
स्थलों का वर्णन है। इनमें प्रयाग (इलाहाबाद) के अलावा किसी अन्य स्थल का
नाम परिवर्तित नहीं हुआ है, इस नगर को सभी प्रयागों का राजा अर्थात
प्रयागराज कहा जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमेशा भ्रम की स्थिति रही है
लेकिन, पुराना नाम वापस मिलने से गौरव की वापसी हुई है।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा : सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इलाहाबाद
का नाम प्रयागराज हो जाने से जहां एक ओर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर
पर भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार को बल मिलेगा वहीं धार्मिक पर्यटन को
भी बढ़ावा मिलेगा। दूसरी ओर इसकी वैदिक और पौराणिक पहचान भी अक्षुण्ण रह
सकेगी।
अन्य फैसले
आसान न होगा हाईकोर्ट और विश्वविद्यालय का नाम बदलना
प्रतिष्ठानपुर से कौशांबी तक था इलाहाबाद
हाईकोर्ट का नाम भी बदलने की तैयारी
444 वर्ष पहले अकबर ने रखा था नाम
घोषणा के चौथे ही दिन ही मिल गई मंजूरी1मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
शनिवार को इलाहाबाद में प्रयागराज नाम किये जाने की घोषणा की। इसके बाद
चौथे दिन मंगलवार को कैबिनेट में यह प्रस्ताव आया जिसे मंजूरी मिल गई। इसके
लिए सरकारी महकमों ने खूब तेजी दिखाई। जिलों का नाम बदलने के लिए राजस्व
विभाग नोडल होता है लेकिन, अन्य विभागों की मंजूरी जरूरी होती है। राजस्व
विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार किया। फिर इसका वित्त और न्याय विभाग से
अनुमोदन के साथ ही आवश्यक औपचारिकता पूरी कर ली गई। इतिहासकार ‘अकबरनामा’
और ‘आईने अकबरी’ के हवाले से बताते हैं कि मुगल बादशाह अकबर ने 1574 ईसवी
में यहां किले की नींव डाली और इलाहाबाद नाम से एक नया नगर बसाया। बाद में
जिले का भी यही नाम हो गया।
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