माध्यमिक स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। वहीं बाजार
में एनसीईआरटी की पुस्तकों का संकट है। ऐसे में निजी प्रकाशकों ने अवैध
धंधा शुरू कर दिया। उन्होंने सरकार द्वारा तय पाठ्यक्रम की पुस्तकों के कवर
को कॉपी कर बाजार में उतार दिया है।
साथ ही तीन से चार गुना दामों पर
बेचकर खुलेआम वसूली भी कर रहे हैं। 1सरकार ने छात्रों को राहत देने के लिए
माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में ‘एक समान पाठ्यक्रम’ लागू किया है।
इसके लिए अप्रैल से शुरू हुए शैक्षिक सत्र में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान
प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकें मुहैया कराने के निर्देश दिए थे।
मगर अफसरों ने शुरुआत में कुछ स्कूलों में स्टॉल लगवाकर पाठ्यक्रम उपलब्ध
कराने की पहल की। मगर चयनित प्रकाशक सात माह बाद भी छात्रों की संख्या के
लिहाज से पुस्तकें उपलब्ध नहीं करा सके। ऐसे में निजी प्रकाशकों ने
एनसीईआरटी बुक के कवर की डिजाइन कॉपी कर बाजार में पुस्तकें उतार दीं। यह
पुस्तकें कक्षा नौ से 12 तक की हैं, जिन्हें छात्रों को तीन से चार गुना
कीमत पर बेचा जा रहा है। स्थिति यह है कि कुछ पुस्तकों की डिजाइन एनसीईआरटी
की हूबहू है, तो कई में मामूली बदलाव किया गया हैं।
कॉपी राइट का है उल्लंघन
विशेषज्ञों की मानें तो एनसीईआरटी की पुस्तकों के कवर की डिजाइन का प्रयोग
करना कॉपी राइट का उल्लंघन हैं। साथ ही इस धोखाधड़ी का भी केस लागू होता है
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