शिक्षक व राज्यकर्मी हड़ताल को लेकर अड़े, पुरानी पेंशन के लिए राज्य कर्मचारी महासंघ की चेतावनी रैली कल
लखनऊ : राज्यकर्मियों की 25 से 27 तक प्रस्तावित हड़ताल वापस कराने के
सरकारी प्रयास रविवार को भी बेअसर रहे। अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल से
कर्मचारी नेताओं की वार्ता बेनतीजा साबित हुई।
राज्यकर्मी हड़ताल पर अडिग
हैं और रविवार को उन्होंने जिला संयोजकों को इसका विस्तृत कार्यक्रम भी
जारी कर दिया। दूसरी ओर मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने जिलाधिकारियों और
मंडलायुक्तों को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए
हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ‘कार्य नहीं तो वेतन नहीं’ की नीति पर अमल
करेगी।
रविवार को अवकाश होने के बावजूद कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी-पुरानी पेंशन
बहाली मंच के पदाधिकारी और अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल तथा पेंशन निदेशालय
के अधिकारी दोपहर बार बजे एक बार फिर आमन-सामने बैठे। मंच के संयोजक
हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि नई पेंशन से कर्मचारियों को बहुत नुकसान हो
रहा है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने भी माना कि कुछ नुकसान तो है
लेकिन वह कोई समाधान देने में असमर्थ रहे। इसलिए हड़ताल का फैसला बरकरार
है। इस बीच मंच के अध्यक्ष डा. दिनेश चंद शर्मा ने जिला संयोजकों और
अध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वे अपने स्तर पर अधिकारियों को हड़ताल
नोटिस की सूचना उपलब्ध करा दें। हड़ताल के पहले दिन 25 अक्टूबर को 50
सदस्यों की टोली सभी कार्यालयों में जाकर जनजागरण करेगी। दूसरे और तीसरे
दिन कार्यालयों में दस बजे जनजागरण और चार बजे विकास भवन व सार्वजनिक
कार्यालयों पर एकत्र होकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर नारेबाजी होगी।
तीसरे ही दिन जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि हड़ताल शांतिपूर्ण होगी और जो संगठन साथ नहीं हैं, उनसे
वार्ता कर कुछ हल निकाला जाए। हड़ताल के तीसरे दिन तीन बजे उच्चाधिकार
समिति की बैठक में अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया जाएगा।
डीएम-कमिश्नर कर्मचारी संगठनों से करें संवाद: पांडेय
दोपहर बाद मुख्य सचिव डा. अनूप चंद्र पांडेय ने योजना भवन में वीडियो
कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों से बात कर उन्हें
कर्मचारी संगठनों से संवाद बढ़ाने का निर्देश दिया और कहा कि नई पेंशन को
लेकर भ्रांतियां दूर की जाएं। मुख्य सचिव नई पेंशन योजना के अंतर्गत जो
कर्मचारी छूट गए हैं उनका परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर पंजीकृत कराने
के लिए कैंप लगाए जाएं। साथ हड़ताल के दौरान कार्य पर आने वाले कर्मचारियों
को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यालय समय
से खुले। हड़ताल के दौरान सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले के
विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए और कार्मिकों को यह स्पष्ट कर दिया जाए कि
‘कार्य नहीं तो वेतन नहीं’ मिलेगा। जिले में कंट्रोल रूम बनाकर स्थिति पर
नजर रखी जाए। इस दौरान कर्मचारियों के अवकाश पर भी रोक रहेगी।राज्य ब्यूरो,
लखनऊ : पुरानी पेंशन बहाली सहित 14 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के एक
लाख से अधिक कर्मचारी उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर
मंगलवार को चेतावनी रैली करेंगे।
महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष कमलेश मिश्र ने बताया कि रैली की सारी
तैयारियां कर ली गई हैं। इसमें सभी जिलों के कर्मचारी भाग लेंगे। महासंघ के
संरक्षक लल्लन पांडेय ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली सहित 14 सूत्रीय
मांगों पर अबतक राज्य सरकार द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर महासंघ को
23 अक्टूबर को चेतावनी रैली करने पर मजबूर होना पड़ा। प्रवक्ता सीपी
श्रीवास्तव ने बताया कि रैली में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के
अध्यक्ष डा. ओम प्रकाश शर्मा, इंजीनियर्स महासंघ के चेयरमैन शैलेन्द्र
दुबे,जल संस्थान कर्मचारी महासंघ के संरक्षक नेबु लाल आदि शामिल होंगे।
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