टीईटी (UPTET) व बीटीसी (BTC) की परीक्षा को लेकर असमंजस, 76 हजार प्रशिक्षुओं पर संकट

इलाहाबाद : बीटीसी वर्ष 2015 चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा पेपर लीक के कारण निरस्त होने से दो परीक्षाओं पर असमंजस बना है। बीटीसी के हजारों प्रशिक्षु इलाहाबाद व लखनऊ में जल्द परीक्षा कराने की मांग को लेकर निरंतर आंदोलन कर रहे हैं।
उनका दावा है कि यदि इम्तिहान नहीं हुआ तो 76 हजार प्रशिक्षु आगामी शिक्षक भर्ती से बाहर हो जाएंगे। उनके भविष्य के लिए सरकार परीक्षा कराने का निर्णय ले। एससीईआरटी व शासन के अफसर गुरुवार को इस मुद्दे पर निर्णय ले सकते हैं। चार नवंबर को ही प्रतिभा खोज की परीक्षा है इसलिए टीईटी की परीक्षा तारीख आगे बढ़ाने के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने शासन को प्रस्ताव भेजा है।1उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2018 के लिए ऑनलाइन आवेदन व पंजीकरण पूरा हो चुका है। सर्वर में गड़बड़ी आने से जिस तरह से कई बार पंजीकरण व आवेदन की तारीख बढ़ाई गई, उससे अब परीक्षा की तैयारी करने का समय कम बचा है। साथ ही आवेदकों की संख्या इस बार बहुत अधिक है। इससे परीक्षा केंद्र चयन व अन्य तैयारियां जल्द पूरा हो पाना संभव नहीं है। इसके लिए शासन के अफसरों से अनुरोध किया गया है कि परीक्षा की तारीख दीपावली के बाद कर दी जाए, ताकि सकुशल परीक्षा कराने के लिए पर्याप्त समय मिल जाए। इस पर भी शासन गुरुवार को निर्णय ले सकता है। ज्ञात हो कि अभी टीईटी 2018 की तारीख चार नवंबर तय है। सूत्रों की मानें तो 76 हजार बीटीसी प्रशिक्षुओं की मांग मानी जा सकती है इससे टीईटी की तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का कहना है कि इन दोनों मामलों में अब शासन ही अंतिम निर्णय लेगा, उसी के अनुरूप प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।