68,500 शिक्षकों की भर्ती: हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सीबीआई जांच को चुनौती

हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में 68500  शिक्षकों की भर्ती की सीबीआई जांच मामले को प्रदेश सरकार ने विशेष अपील दायर कर चुनौती दी है । राज्य सरकार ने गत एक नवंबर को दिये गये एकल पीठ  के आदेश को डिवीज़न बेंच के समक्ष चुनौती दी है। इस मामले में गुरुवार 22 नवंबर को सुनवाई होगी ।

एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए मांग की है कि इस आदेश को निरस्त किया जाए । विदित है कि प्रदेश में 68 हज़ार 500 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में गत एक नवंबर को एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए पूरी चयन  प्रक्रिया को सीबीआई जांच के आदेश दिये थे। यह आदेश अदालत ने सोनिका देवी वअन्य के मामले में दिये थे।
UP: शिक्षक भर्ती काउंसिलिंग पर रोक का आदेश रद्द

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग की शिक्षक भर्ती काउंसिलिंग पर रोक लगाने के 17 अक्टूबर 2018 को जारी राज्य सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है और कहा है कि सरकार को बीच में भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करने का अधिकार नही है।
कोर्ट ने कहा कि आयोग ने 1300 अध्यापकों का चयन कर लिया है और अब सरकार ने पारदर्शिता लाने के लिए साफ्टवेयर विकसित कर काउंसिलिंग करने का निर्णय लिया है। यह कानून के अनुरूप नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि आयोग को जारी प्रक्रिया के अनुसार काउंसिलिंग करने का अधिकार है, सरकार उसमें बदलाव नहीं कर सकती। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि सरकार नए साफ्टवेयर से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाना चाहती है तो उसे नियमों में संशोधन करना चाहिए और ऐसा संशोधन लागू होने की तिथि से ही लागू होगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने विनय कुमार सिंह व आठ अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आयोग पद विज्ञापन के नियम के तहत काउंसिलिंग कर चयन प्रक्रिया पूरी करे।
याचिका में राज्य सरकार द्वारा साफ्टवेयर में बदलाव करने के लिए जारी काउंसिलिंग पर रोक लगाने की वैधता को चुनौती दी थी । याची का कहना था कि आयोग स्वायत्त संस्था है।अधिनियम के तहत विहित विधि से उसे चयन प्रक्रिया अपनाने का अधिकार है।चयन के बीच में सरकार को प्रक्रिया में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने याची के तर्कों में बल मानते हुए सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है।अब चल रही प्रक्रिया से भर्ती की काउंसिलिंग पूरी की जाएगी।