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68,500 शिक्षक भर्ती की कॉपियों को जांचने में गड़बड़ी

68,500 शिक्षक भर्ती के पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट आ चुका है। इसमें 4688 नये अभ्यर्थी और पास हुए हैं। इसके बाद फिर से यूपी बोर्ड की कॉपियों की चेकिंग सवालों के घेरे में है। कारण यह कि शिक्षक भर्ती की कॉपियों की पहली चेकिंग यूपी बोर्ड के शिक्षकों  ने की थी।

शिक्षक भर्ती की एक लाख कॉपियों की जांचने में दो महीने का समय लगा था। वहीं यूपी बोर्ड की कॉपियां 50-60 लाख कॉपियां 15 से 20 दिनों में जांची जाती हैं। लिहाजा शिक्षकों की योग्यता और उनकी सतर्कता पर उंगली उठना स्वाभाविक है। गड़बड़ी की शिकायतें आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 68,500 शिक्षक भर्ती की कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन के लिए अभ्यर्थियों को मौका दिया और दोबारा कॉपियां जांचने का जिम्मा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को सौंपा गया। पुर्नमूल्यांकन के रिजल्ट में 4688 अभ्यर्थी पास हुए हैं। वहीं अगस्त में घोषित रिजल्ट में  41556  अभ्यर्थी पास हुए थे।
यूपी बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन पर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं कि बीते वर्ष राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं के दस-दस मेधावियों की कॉपियां ऑनलाइन की जाएंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं इस बार भी इसके लिए कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।


आंकड़े कहते हैं-
# 68500 शिक्षक भर्ती में 1,07,908 कॉपियां थीं वहीं हाईस्कूल व इंटरमीडिएट 2019 की परीक्षा में 58,06,922 लाख अभ्यर्थी बैठ रहे हैं। इंटरमीडिएट व हाईस्कूल में क्रमश: 5-6 विषय होते हैं। लिहाजा कॉपियों की संख्या का अंदाजा लगाया जा सकता है। हर विषय का एक पेपर होता है।
# हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में 15-20 दिनों में कॉपियां जांची जाती हैं जबकि 68500 शिक्षक भर्ती की कॉपियां दो महीने से ज्यादा समय में चेक हुईं।
#  शिक्षक भर्ती की कॉपियां लगभग 100 शिक्षकों ने जांची। वहीं यूपी बोर्ड की कॉपियां जांचने में 1.5 शिक्षक लगाए जाते हैं।

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