निजी उिग्री कॉलेजों में समायोजन के बाद हो सीधी भर्ती

प्रयागराज। हाईकोर्ट ने शासकीय सहायता प्राप्त प्राइवेट डिग्री कॉलेजों में रिक्त 69 अध्यापकों के पद समायोजन से भरने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि यह पद रिक्त हैं तो उन पर पढ़ा रहे मानदेय शिक्षकों को उन्हीं पदों पर समायोजित कर दिया जाए, इसके बाद रिक्त बचे पदों को सीधी भर्ती से भरा जाए।
कोर्ट ने कहा है कि समायोजन का कार्य दो माह में पूरा कर लिया जाए। डा. गीतिका नागर और 69 अन्य शिक्षकों की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि समायोजित 169 शिक्षकों के कार्य में हस्तक्षेप न किया जाए। याचिका पर अधिवक्ता आरती राजे ने बहस की। उच्च शिक्षा निदेशक ने कोर्ट में बताया था कि 18 मई 2017 को 169 मानदेय शिक्षकों का समायोेजन किया जा चुका है। इसमें से 100 शिक्षकों ने ज्वाइन कर लिया है। 69 पद अभी रिक्त हैं। याचीगण को उनके कॉलेज में पद रिक्त न होने के कारण समायोजित नहीं किया गया है। सभी ने याचिका दाखिल की है। यह लोग कोर्ट के अंतरिम आदेश से काम कर रहे हैं और मानदेय भी प्राप्त हो रहा है।
राज्य सरकार का कहना था कि याचीगण को उन्हीं के कॉलेज में समायोजित करने में कोई समस्या नहीं है, बशर्ते पद रिक्त हों। उनको समानता का लाभ दिया जाएगा। कोर्ट ने याचीगण को उन्हीं के कॉलेजों में समायोजित करने के लिए कहा है। साथ ही भर्ती विज्ञापन 37 और 38 को रद्द कर दिया है। सरकार ने कहा है कि विषयवार पद बनाने में छह सप्ताह का समय लग सकता है। कोर्ट ने दो माह का समय दिया है।