उत्तराखण्ड के पत्र के आधार पर यूपी के शिक्षामित्रों के लिये सम्भावित विकल्प

उत्तराखण्ड के पत्र के आधार पर यूपी के शिक्षामित्रो के लिये सम्भावित विकल्प:-
१-आरटीई एक्ट लागू होने के पहले सहायक अध्यापक पद के लिये एनसीटीई व राज्य सरकार के बेसिक शिक्षा नियमावली के तहत योग्यता स्नातक + बीटीसी थी और आरटीई एक्ट २००९ लागू होने पर २५ अगस्त २०१० तक स्नातक उत्तीर्ण शिक्षामित्र को राज्य सरकार व एनसीटीई ने अन्ट्रेन्ड टीचर मानते हुये १२४ के प्रशिक्षण को
३१-०३-३०१५ तक सहायक अध्यापक पद पर नियमित/नियुक्ति होने के लिये योग्यता पूरी किये और १२४ को बिना टेट नियमित/सहायक अध्यापक बनाया जा सकता है।

१२४ की योग्यता एनसीटीई के मानक अनुसार ३१-०३-३०१५ तक पूरा हो गया है इसलिए इन्हे निकालने का कोई प्रश्न ही नही बनता है।
२-४६००० इण्टर पास के लिये एनसीटीई ने अप्रशिक्षित से प्रशिक्षित होने के लिये जो लोग स्नातक पास थे उन्हे सहायक अध्यापक के समकक्ष लाने के लिये एनसीटीई ने संशोधित किया कि  ३१-०३-३०१५ जो प्रशिक्षित नही है एनसीटीई के मानक अनुसार उनके लिये अवधि बढ़ाकर ३१-०३-३०१९ तक किया और आरटीई एक्ट लागू होने पर सहायक अध्यापक पद के लिये योग्यता स्नातक + बीटीसी + टेट हो गया

और  ४६००० शिक्षामित्रो मे से जो लोग उक्त योग्यता पूरी करते है उन्हे भी राज्य सरकार ३१-०३-३०१९ के बाद नही निकाल सकती है ।
३- ४६००० मे से जो लोग सहायक अध्यापक  पद की योग्यता पूरी नही करेंगे राज्य सरकार केवल उन्हे ही निकाल सकती है।
शिक्षामित्रो के नेता लोग लिख रहे है कि शिक्षामित्र अब प्रशिक्षित हो गये हैं इस लिये इन्हे राज्य सरकार नही निकाल सकती यह यह लोग भूल रहे है कि आरटीई एक्ट लागू होने के पहले ट्रेन्ड टीचर होने के लिये स्नातक के बाद बीटीसी करने वालो को ट्रेन्ड माना गया और आरटीई एक्ट लागू होने पर स्नातक + बीटीसी+ टेट करने वालो को ट्रेन्ड माना गया और ३१-०३-३०१५ के बाद यूपी सरकार अब स्नातक + बीटीसी+ टेट+ सुपर टेट होने पर ही ट्रेन्ड टीचर मानेगी या सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति करेगी।