पीलीभीत। बिना अवकाश और अनुमति लिए बीएसए डॉ. इंद्रजीत प्रजापति की पैरवी
में इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने पर निलंबित किए गए शिक्षकों की रिट को हाईकोर्ट
ने निस्तारित कर दिया है।
उनकी ओर से दी गई दलील को भी खारिज कर दिया। साथ ही उनके खिलाफ चल रही जांच को दो माह में पूरा करने के आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने दिए हैं।
भ्रष्टाचार समेत कई संगीन आरोपों में निलंबित किए गए बीएसए डॉ. इन्द्रजीत
की पैरवी में कुछ शिक्षक बिना छुट्टी और अनुमति के इलाहाबाद हाईकोर्ट गए
थे। हाईकोर्ट के बाहर खड़े होकर विक्ट्री चिह्न बनाकर जश्न भी मनाया था।
मामला संज्ञान में आने के बाद अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) डॉ. प्रभात
कुमार के आदेश पर नौ शिक्षकों को 20 दिसंबर 2018 को निलंबित कर दिया गया
था। निलंबन को प्रमोद वर्मा, (प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय न्यूरिया
ब्लॉक पूरनपुर), चांद मियां, (सहायक अध्यापक, जूनियर हाईस्कूल गुलड़िया
भूपसिंह व एनपीआरसी गुलड़िया भूपसिंह) व ब्रजेश अवस्थी, (सहायक अध्यापक
जूनियर हाईस्कूल, कसगंजा व एनपीआरसी कसगंजा) ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने स्थगनादेश जारी करने का कोई औचित्य न मानते हुए याचिका
निस्तारित कर दी। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ब्रजेश प्रताप सिंह ने
बताया कि छुट्टी देने वाले अफसर भी दंडित हुए हैं। हाईकोर्ट ने बीएसए को
निलंबन पर जांच दो माह में पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
उनकी ओर से दी गई दलील को भी खारिज कर दिया। साथ ही उनके खिलाफ चल रही जांच को दो माह में पूरा करने के आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने दिए हैं।