नई दिल्ली: स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत बनाने में जुटी सरकार ने स्कूलों में पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण का एक बड़ा लक्ष्य हासिल किया है। देशभर के स्कूलों में पढ़ा रहे ऐसे 12 लाख से अधिक शिक्षकों को 18 महीनों के तय समय में प्रशिक्षित किया गया है।
हालांकि 12वीं में 50 फीसद से कम अंक होने के चलते करीब दो लाख शिक्षकों का रिजल्ट रोक लिया गया है। पूरी प्रशिक्षण प्रक्रिया में पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों का रवैया असहयोगपूर्ण रहा। जहां परीक्षा में गड़बड़ी की कोशिशें की गईं और प्रश्नपत्र को सुनियोजित तरीके से तीन दिन पहले लीक कराया गया।
मानव संसाधन विकास मंत्रलय से जुड़े राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) के अध्यक्ष प्रोफेसर सीबी शर्मा ने बुधवार को शिक्षकों के प्रशिक्षण परिणामों की घोषणा करते हुए यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम देशभर में चलाया गया था, लेकिन पश्चिम बंगाल ही एकमात्र ऐसा राज्य रहा, जहां उन्हें असहयोग का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि परीक्षा से तीन दिन पहले पेपर लीक करके एनआइओएस की साख को बिगाड़ने की कोशिश की गई। हालांकि जैसे ही उन्हें इसकी सूचना मिली, उन्होंने पूरी परीक्षा को रद किया और नए सिरे से परीक्षा कराई। दूसरी बार, कुछ केंद्रों पर गड़बड़ी कराई गई, जिसके बाद फिर से कुछ केंद्रों पर परीक्षा रद करानी पड़ी। शिक्षकों के इस प्रशिक्षण में अकेले पश्चिम बंगाल से 1.57 लाख शिक्षकों ने हिस्सा लिया था। मालूम हो कि पश्चिम बंगाल के असहयोगपूर्ण रवैये का हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है।
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हालांकि 12वीं में 50 फीसद से कम अंक होने के चलते करीब दो लाख शिक्षकों का रिजल्ट रोक लिया गया है। पूरी प्रशिक्षण प्रक्रिया में पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों का रवैया असहयोगपूर्ण रहा। जहां परीक्षा में गड़बड़ी की कोशिशें की गईं और प्रश्नपत्र को सुनियोजित तरीके से तीन दिन पहले लीक कराया गया।
मानव संसाधन विकास मंत्रलय से जुड़े राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) के अध्यक्ष प्रोफेसर सीबी शर्मा ने बुधवार को शिक्षकों के प्रशिक्षण परिणामों की घोषणा करते हुए यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम देशभर में चलाया गया था, लेकिन पश्चिम बंगाल ही एकमात्र ऐसा राज्य रहा, जहां उन्हें असहयोग का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि परीक्षा से तीन दिन पहले पेपर लीक करके एनआइओएस की साख को बिगाड़ने की कोशिश की गई। हालांकि जैसे ही उन्हें इसकी सूचना मिली, उन्होंने पूरी परीक्षा को रद किया और नए सिरे से परीक्षा कराई। दूसरी बार, कुछ केंद्रों पर गड़बड़ी कराई गई, जिसके बाद फिर से कुछ केंद्रों पर परीक्षा रद करानी पड़ी। शिक्षकों के इस प्रशिक्षण में अकेले पश्चिम बंगाल से 1.57 लाख शिक्षकों ने हिस्सा लिया था। मालूम हो कि पश्चिम बंगाल के असहयोगपूर्ण रवैये का हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है।
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