यूपी बोर्ड के विद्यालयों में पढ़ाई में सुधार की कवायद तो की जा रही है,
मगर शिक्षकों की कमी को पूरा नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों की कमी के
आंकड़े चौंकाने वाले हैं, यहां राजकीय और एडेड के 178 विद्यालय हैं, जिनमें
प्रवक्ता समेत 1380 शिक्षकों की कमी चल रही है। इन विद्यालयों में 3500
शिक्षक होने चाहिए, लेकिन हैं सिर्फ 2120 कार्यरत।
जिले में यूपी बोर्ड के तहत वित्तविहीन के 230 विद्यालयों को शामिल करके
यहां 408 माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें करीब दो लाख 35 हजार 448 विद्यार्थी
पढ़ते हैं। रमसा के स्कूल लगाकर 45 राजकीय हैं और 133 अशासकीय सहायता
प्राप्त हैं। इतना ही नहीं, इन शिक्षकों की भी ड्यूटी तमाम विभागीय कार्यों
में भी लगाई जाती है। कई बार शिक्षक विभागीय कार्यवश कक्षाओं में पढ़ाने
के लिए उपलब्ध ही नहीं हो पाते हैं। कहीं कोई हिंदी विषय का प्रवक्ता नहीं
है तो कहीं अंग्रेजी का। शिक्षकों के बिना शैक्षणिक माहौल अच्छा नहीं बन
सकता है। शिक्षक संगठन भी लगातार मांग कर रहे हैं कि सहायक अध्यापकों की
प्रवक्ता के पद पर पदोन्नति की जाए। सहायक अध्यापकों की भर्ती की जाए,
लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
स्कूल और शिक्षक
राजकीय विद्यालय शिक्षक पद स्वीकृत कार्यरत कमी
45 699 353 346
सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों का हाल
एडेड स्कूल सहायक अध्यापक स्वीकृत पद कार्यरत कमी
133 2005 1166 839
एडेड स्कूल प्रवक्ता के स्वीकृत पद कार्यरत कमी
133 796 601 195
प्रधानाचार्यों के भी 49 पद खाली
शिक्षकों के ही नहीं, मेरठ के इन विद्यालयों में प्रधानाचार्यों के भी 49 पद खाली चल रहे हैं। इनमें 19 प्रधानाचार्य इंटर कॉलेज के हैं, जबकि 30 प्रधानाचार्य हाईस्कूल के विद्यालयों में प्रधानाचार्यों के हैं।
लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी नहीं
राजकीय विद्यालयों में लिपिक के 64 पद हैं, जिनमें से 31 कार्यरत हैं, जबकि 33 पद खाली चल रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 109 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 32 पद भरे हुए हैं और 77 पद खाली चल रहे हैं। इसी तरह एडेड विद्यालयों में लिपिक के 334 पद हैं, जिनमें से 251 पद भरे हुए हैं और 83 पद खाली चल रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में 1265 पद स्वीकृत हैं, 733 पदों पर कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि 532 पद खाली हैं।
शिक्षकों की भरपाई होनी जरूरी
शिक्षकों की कमी है, जिनकी भरपाई होनी जरूरी है। राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में रिक्तियों की सूचना शासन को भेज दी गई है। उम्मीद की जा रही है कि इनकी भरपाई की जाएगी।
- गिरजेश चौधरी, जिला विद्यालय निरीक्षक
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राजकीय विद्यालय शिक्षक पद स्वीकृत कार्यरत कमी
45 699 353 346
सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों का हाल
एडेड स्कूल सहायक अध्यापक स्वीकृत पद कार्यरत कमी
133 2005 1166 839
एडेड स्कूल प्रवक्ता के स्वीकृत पद कार्यरत कमी
133 796 601 195
प्रधानाचार्यों के भी 49 पद खाली
शिक्षकों के ही नहीं, मेरठ के इन विद्यालयों में प्रधानाचार्यों के भी 49 पद खाली चल रहे हैं। इनमें 19 प्रधानाचार्य इंटर कॉलेज के हैं, जबकि 30 प्रधानाचार्य हाईस्कूल के विद्यालयों में प्रधानाचार्यों के हैं।
लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी नहीं
राजकीय विद्यालयों में लिपिक के 64 पद हैं, जिनमें से 31 कार्यरत हैं, जबकि 33 पद खाली चल रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 109 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 32 पद भरे हुए हैं और 77 पद खाली चल रहे हैं। इसी तरह एडेड विद्यालयों में लिपिक के 334 पद हैं, जिनमें से 251 पद भरे हुए हैं और 83 पद खाली चल रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में 1265 पद स्वीकृत हैं, 733 पदों पर कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि 532 पद खाली हैं।
शिक्षकों की भरपाई होनी जरूरी
शिक्षकों की कमी है, जिनकी भरपाई होनी जरूरी है। राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में रिक्तियों की सूचना शासन को भेज दी गई है। उम्मीद की जा रही है कि इनकी भरपाई की जाएगी।
- गिरजेश चौधरी, जिला विद्यालय निरीक्षक
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