अंबेडकरनगर। दो महीने से मानदेय न मिलने की वजह से शिक्षामित्रों की आर्थिक
स्थिति काफी खराब हो गई है। इनका कहना है कि घर चलाना तो मुश्किल हो ही
रहा है, गर्मी की छुट्टियों में बच्चों की छोटी-छोटी फरमाइशें पूरी करना और
सहालग में पड़ रही शादियां निपटाना भी सपने सरीखा हो गया है।
जिले के 1950 शिक्षामित्र दो माह के 3.90 करोड़ बकाए के लिए विभाग के चक्कर
काट रहे हैं। कार्रवाई के भय से कोई शिक्षामित्र खुलकर सामने नहीं आ रहा
है, लेकिन इनका पूरा परिवार घुट-घुटकर जीने को मजबूर है। विडंबना यह है कि
हजारों और लाखों में तनख्वाह पाने वाले अधिकारियों को इनकी तकलीफ की फिक्र
नहीं हैं। शिक्षामित्रों का कहना है कि अफसरों को सोचना चाहिए जैसे उनके
बच्चे हैं वैसे ही हमारे भी।
इस समय गर्मी के छुट्टियों और सहालग का दौर साथ-साथ चल रहा है। सभी लोग इस वक्त का अपने- अपने तरीके से आनंद उठा रहे हैं। शिक्षा विभाग की ही बात करें तो स्थायी शिक्षक और उनके परिवार अच्छा वक्त गुजार रहे हैं, लेकिन शिक्षामित्रों का बुरा हाल है, वजह है अप्रैल और मई का मानदेय न मिलना। इस वजह से जिले के 1950 शिक्षामित्र आर्थिक तंगी झेल रहे हैं।
कई शिक्षामित्रों के मासूम बच्चों को पैसे न होने पर पैदा होने वाले हालात का अंदाजा नहीं है। वे मासूमियत से अपने पिता से छोटी सी फरमाइश करते हैं और पूरी न हो पाने पर मायूस हो जाते हैं। माता-पिता से उनकी यह हालत देखी नहीं जाती पर करें तो क्या।
शिक्षामित्रों के इस दर्द की तरफ अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। विद्यालयों में अवकाश हो चुका है लेकिन शिक्षामित्रों को अप्रैल व मई माह का मानदेय नहीं मिल सका है। ऐसे में यदि गर्मी की बची छुट्टी में दो महीने का 20 हजार रुपए मानदेय मिल जाए तो कुछ सहूलियत तो हो ही जाए। शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष केके दुबे का कहना है कि सहालग का दौर चल रहा है। ऐसे में खर्चे बढ़ गए हैं।
दूसरी तरफ बच्चों की छोटी-छोटी मांगें तक भारी पड़ रही है। परन्तु विभागीय अधिकारी हैं। टांडा के शिक्षामित्र ज्ञानेंद्र मिश्र व आदिल शाह बेग ने कहा कि विभाग व शासन की उपेक्षा ही है कि शिक्षामित्रों की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। शिक्षामित्रों को सातवें वेतन आयोग का बकाया एरियर भुगतान का भी आदेश हुआ है, लेकिन इस तरफ भी अफसरों का ध्यान नहीं है।
शासन स्तर से अब तक बजट आवंटन नहीं हो सका है। आवंटन होते ही बकाए मानदेय का भुगतान होगा। शिक्षामित्रों के हितों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। स्थानीय स्तर से कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है।
- अतुल कुमार सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
primary ka master, primary ka master current news, primarykamaster, basic siksha news, basic shiksha news, upbasiceduparishad, uptet
Originally published by https://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/
इस समय गर्मी के छुट्टियों और सहालग का दौर साथ-साथ चल रहा है। सभी लोग इस वक्त का अपने- अपने तरीके से आनंद उठा रहे हैं। शिक्षा विभाग की ही बात करें तो स्थायी शिक्षक और उनके परिवार अच्छा वक्त गुजार रहे हैं, लेकिन शिक्षामित्रों का बुरा हाल है, वजह है अप्रैल और मई का मानदेय न मिलना। इस वजह से जिले के 1950 शिक्षामित्र आर्थिक तंगी झेल रहे हैं।
कई शिक्षामित्रों के मासूम बच्चों को पैसे न होने पर पैदा होने वाले हालात का अंदाजा नहीं है। वे मासूमियत से अपने पिता से छोटी सी फरमाइश करते हैं और पूरी न हो पाने पर मायूस हो जाते हैं। माता-पिता से उनकी यह हालत देखी नहीं जाती पर करें तो क्या।
शिक्षामित्रों के इस दर्द की तरफ अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। विद्यालयों में अवकाश हो चुका है लेकिन शिक्षामित्रों को अप्रैल व मई माह का मानदेय नहीं मिल सका है। ऐसे में यदि गर्मी की बची छुट्टी में दो महीने का 20 हजार रुपए मानदेय मिल जाए तो कुछ सहूलियत तो हो ही जाए। शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष केके दुबे का कहना है कि सहालग का दौर चल रहा है। ऐसे में खर्चे बढ़ गए हैं।
दूसरी तरफ बच्चों की छोटी-छोटी मांगें तक भारी पड़ रही है। परन्तु विभागीय अधिकारी हैं। टांडा के शिक्षामित्र ज्ञानेंद्र मिश्र व आदिल शाह बेग ने कहा कि विभाग व शासन की उपेक्षा ही है कि शिक्षामित्रों की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। शिक्षामित्रों को सातवें वेतन आयोग का बकाया एरियर भुगतान का भी आदेश हुआ है, लेकिन इस तरफ भी अफसरों का ध्यान नहीं है।
शासन स्तर से अब तक बजट आवंटन नहीं हो सका है। आवंटन होते ही बकाए मानदेय का भुगतान होगा। शिक्षामित्रों के हितों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। स्थानीय स्तर से कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है।
- अतुल कुमार सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
primary ka master, primary ka master current news, primarykamaster, basic siksha news, basic shiksha news, upbasiceduparishad, uptet
Originally published by https://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/