कॉमर्स और भूगोल समेत 9 विभागों में संविदा शिक्षकों के लिए मांगे गए थे आवेदन
लखनऊ विश्वविद्यालय का सत्र शुरू हुए तीन महीने होने को हैं, लेकिन अभी तक नौ विभागों में शिक्षकों की तैनाती नहीं हो सकी है।
विवि ने इन विभागों में 28 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन भी मांगे थे। कई महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक इनके साक्षात्कार ही नहीं हुए हैं। विवि प्रशासन साफ तौर पर इस पर कुछ नहीं बोल रहा है, लेकिन दबी जुबान में आरक्षण के रोस्टर में बदलाव को इसकी वजह बताया जा रहा है।
लविवि में कई ऐसे स्ववित्तपोषित विभाग हैं जिनमें छात्रों की संख्या भी काफी है। स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम होने की वजह से इनमें नियमित पद नहीं हैं। इसलिए विवि प्रशासन ने कॉमर्स, फिजिकल एजूकेशन, भूगोल, लॉ, समाज कार्य, इंग्लिश, इकोनॉमिक्स, एआईएच और मनोविज्ञान विभाग में संविदा पर शिक्षकों की भर्ती करने के लिए विज्ञापन जारी किया था। यह भर्ती पांच साल के लिए थी। यूजीसी ने बाद में आरक्षण रोस्टर में बदलाव कर दिया, जिसके बाद इनके साक्षात्कार और भर्ती दोनों प्रकिया अटक गईं।
फिलहाल मानदेय पर हो रही पढ़ाई
लविवि में इस समय इन विभागों में मानदेय पर तैनात शिक्षकों से पढ़ाई कराई जा रही है। इसकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि मानदेय आधारित शिक्षक सेमेस्टर में अधिकतम 45 कक्षा ही पढ़ा सकते हैं। सभी शिक्षक मानदेय के आधार पर होने पर इन कोर्स का सिलेबस पूरा करने में काफी समस्या होती है। संविदा पर शिक्षक भर्ती होने पर अधिकतम कक्षा की बाध्यता नहीं होगी। इस तरह से आसानी से सिलेबस पूरा किया जा सकेगा।
जल्द पूरी करनी चाहिए प्रक्रिया
लविवि प्रशासन को भर्ती प्रक्रिया जल्दी पूरी करनी चाहिए। लूटा ने विज्ञापन जारी होने के समय ही चेताया था कि आरक्षण का नया रोस्टर जारी होने के बाद ही विज्ञापन जारी किया जाए। इस पर ध्यान न देने की वजह से शिक्षक भर्ती नहीं हो सकी।
- डॉ. नीरज जैन,
अध्यक्ष, लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ
लखनऊ विश्वविद्यालय का सत्र शुरू हुए तीन महीने होने को हैं, लेकिन अभी तक नौ विभागों में शिक्षकों की तैनाती नहीं हो सकी है।
विवि ने इन विभागों में 28 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन भी मांगे थे। कई महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक इनके साक्षात्कार ही नहीं हुए हैं। विवि प्रशासन साफ तौर पर इस पर कुछ नहीं बोल रहा है, लेकिन दबी जुबान में आरक्षण के रोस्टर में बदलाव को इसकी वजह बताया जा रहा है।
लविवि में कई ऐसे स्ववित्तपोषित विभाग हैं जिनमें छात्रों की संख्या भी काफी है। स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम होने की वजह से इनमें नियमित पद नहीं हैं। इसलिए विवि प्रशासन ने कॉमर्स, फिजिकल एजूकेशन, भूगोल, लॉ, समाज कार्य, इंग्लिश, इकोनॉमिक्स, एआईएच और मनोविज्ञान विभाग में संविदा पर शिक्षकों की भर्ती करने के लिए विज्ञापन जारी किया था। यह भर्ती पांच साल के लिए थी। यूजीसी ने बाद में आरक्षण रोस्टर में बदलाव कर दिया, जिसके बाद इनके साक्षात्कार और भर्ती दोनों प्रकिया अटक गईं।
फिलहाल मानदेय पर हो रही पढ़ाई
लविवि में इस समय इन विभागों में मानदेय पर तैनात शिक्षकों से पढ़ाई कराई जा रही है। इसकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि मानदेय आधारित शिक्षक सेमेस्टर में अधिकतम 45 कक्षा ही पढ़ा सकते हैं। सभी शिक्षक मानदेय के आधार पर होने पर इन कोर्स का सिलेबस पूरा करने में काफी समस्या होती है। संविदा पर शिक्षक भर्ती होने पर अधिकतम कक्षा की बाध्यता नहीं होगी। इस तरह से आसानी से सिलेबस पूरा किया जा सकेगा।
जल्द पूरी करनी चाहिए प्रक्रिया
लविवि प्रशासन को भर्ती प्रक्रिया जल्दी पूरी करनी चाहिए। लूटा ने विज्ञापन जारी होने के समय ही चेताया था कि आरक्षण का नया रोस्टर जारी होने के बाद ही विज्ञापन जारी किया जाए। इस पर ध्यान न देने की वजह से शिक्षक भर्ती नहीं हो सकी।
- डॉ. नीरज जैन,
अध्यक्ष, लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ