69000 पसिंग मार्क मुद्दा:-
✍उपेन्द्रनाथ मिश्रा एडवोकेट द्वारा आर्टिकल 14 से बहस की शुरुआत।
✍1.37 पदों की समानता 68500 और 69000 दोनों में है। जिसे अलग नही किया जा सकता है।
✍ भारांक की वजह से किसी का चांस कम नही हो रहा है, आगे बहुत मौके हैं। शिक्षामित्रों को केवल दो मौके।
✍संख्या के आधार पर पसिंगमार्क का कोई मतलब नही बनता क्योंकि जो संख्या पेश की जा रही है। वो 69k में सहायक अध्यापक हेतु मान्य ही नही है।
✍1.37 की शुरुआत 20वें संशोधन से हुई थी, जिसमे बीएड जैसे ट्रेनी थे ही नही।
✍एपेंडिक्स 1 और 2 में अंतर है 1 शिक्षामित्रों के लिए 2 ट्रेनी के लिए।
✍नीलेश शिक्षामित्र का जिक्र जो आर्टिकल 14 को प्रूफ कर रहा है।
✍संख्या बढ़ाई क्यों गयी 69k में? जब ट्रेंड अवेलेबल हैं।
✍बहस की समाप्ति पर लीगल टीम की एडवोकेट मेहा मैडम ने किया ऑब्जेक्शन ट्रेनी और असिस्टेंट का यहाँ कोई मतलब नही यहाँ केवल पासिंग सुना जाए जस्टिस इरशाद ने कहा नो ऑब्जेक्शन सीरियस आर्गुमेंट हैं डोंट डिस्टर्ब।
✍उपेन्द्रनाथ मिश्रा एडवोकेट द्वारा आर्टिकल 14 से बहस की शुरुआत।
✍1.37 पदों की समानता 68500 और 69000 दोनों में है। जिसे अलग नही किया जा सकता है।
✍ भारांक की वजह से किसी का चांस कम नही हो रहा है, आगे बहुत मौके हैं। शिक्षामित्रों को केवल दो मौके।
✍संख्या के आधार पर पसिंगमार्क का कोई मतलब नही बनता क्योंकि जो संख्या पेश की जा रही है। वो 69k में सहायक अध्यापक हेतु मान्य ही नही है।
✍1.37 की शुरुआत 20वें संशोधन से हुई थी, जिसमे बीएड जैसे ट्रेनी थे ही नही।
✍एपेंडिक्स 1 और 2 में अंतर है 1 शिक्षामित्रों के लिए 2 ट्रेनी के लिए।
✍नीलेश शिक्षामित्र का जिक्र जो आर्टिकल 14 को प्रूफ कर रहा है।
✍संख्या बढ़ाई क्यों गयी 69k में? जब ट्रेंड अवेलेबल हैं।
✍बहस की समाप्ति पर लीगल टीम की एडवोकेट मेहा मैडम ने किया ऑब्जेक्शन ट्रेनी और असिस्टेंट का यहाँ कोई मतलब नही यहाँ केवल पासिंग सुना जाए जस्टिस इरशाद ने कहा नो ऑब्जेक्शन सीरियस आर्गुमेंट हैं डोंट डिस्टर्ब।