विश्वविद्यालयों की परीक्षा में अब होंगे बहुविकल्पीय सवाल

विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों की परीक्षा में अब बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे। कोविड-19 महामारी के चलते ऑनलाइन मोड में हो रही पढ़ाई को आगे विस्तार देने के साथ-साथ अब परीक्षा और मूल्यांकन भी ऑनलाइन होगा। सभी विश्वविद्यालय इसके लिए स्थायी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करेंगे ताकि आगे किसी भी तरह की आपदा आने पर प्रवेश, परीक्षा और मूल्यांकन से संबंधित कार्य किसी भी तरह बाधित न हों। 


उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की ओर से ई लìनग को बढ़ावा देने और शिक्षकों को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों में करीब 48 लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं। ऐसे में अगर कोई आपदा आ जाए तो इनकी ऑनलाइन परीक्षा लेने की तैयारी विश्वविद्यालय अपने-अपने स्तर पर करेंगे। कम्प्यूटर सेंटर व लैब को आगे और अधिक विस्तार उच्च शिक्षण संस्थान देंगे। इतने अधिक संख्या में विद्याíथयों की परीक्षा लेने के लिए प्रश्नपत्र में बहुविकल्पीय सवाल पूछने और उसकी कम्प्यूटर से ही जांच कर रिजल्ट कम समय में घोषित किया जा सकता है। बहुविकल्पीय सवाल के साथ दीर्घ उत्तरीय सवाल पूछने पर कापियों को स्कैन कर उनकी ऑनलाइन चेकिंग करवानी होगी। फिलहाल विद्याíथयों की संख्या अधिक होने के कारण ऐसा करना कठिन होगा। लुआक्टा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मौलीन्दु मिश्र कहते हैं कि प्रश्नपत्र में बहुविकल्पीय सवाल पूछने और ऑनलाइन क्वेश्चन बैंक बनाने की अब काफी जरूरत है। आगे अगर कोई आपदा आए तो कम से कम हम आसानी से ऑनलाइन परीक्षा लेकर रिजल्ट तो समय पर घोषित कर सकते हैं।