प्रदेश के समस्त प्रशिक्षित स्नातक शिक्षामित्र भाइयों और बहनों आप लोग माननीय सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर को देखे होंगे जिसमें माननीय सुप्रीम कोर्ट ने निम्न चार महत्वपूर्ण बिंदुओं का जिक्र किया है-
१- कुल कितने शिक्षामित्र कार्यरत हैं और कितने शिक्षामित्र चयन प्रक्रिया में शामिल हुए हैं
२- कितने शिक्षामित्र 40% व 45% पास हो रहे हैं
3- शिक्षामित्रों का रोल नंबर सहित सूची प्रस्तुत की जाए जो 40%-45% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं
4- वर्तमान में सहायक अध्यापक के पद को संभालने वाले शिक्षामित्र को ना छेड़ा जाए और अवशेष पदों पर नियुक्ति करने के लिए राज्य सरकार को छूट दिया है।
माननीय सुप्रीम कोर्ट के उपरोक्त आदेश को देखते हुए पूर्व में समायोजित शिक्षा मित्र साथी एक रणनीति बनाकर आगामी 14 जुलाई 2020 की सुनवाई में अपनी बात रखने के लिए आइए के माध्यम से निम्न बिंदुओं को आधार बनाते हुए एक बार कोशिश करें-
1- सभी समायोजित शिक्षामित्रों की नियुक्ति आरटीई एक्ट 2009 के अनुपालन में योग्यता पूरी कराकर नियुक्त किया गया था।
2- उत्तराखंड सरकार का शासनादेश जिसमें 25 जुलाई 2017 के आर्डर का आधार बनाकर सहायक अध्यापक बनाया गया था।
3- हिमाचल प्रदेश का ऑर्डर जिसमें नियुक्त होने से पहले संपूर्ण योग्यता पूरी करने वालों को नियमित करने का आदेश है को आधार बना कर।
4- सभी समायोजित शिक्षामित्रों का डाटा जिसमें सिद्ध हो सके की समायोजन से पूर्व इनकी योग्यता पूरी हो चुकी है (जैसे स्नातक, बीटीसी प्रमाण पत्र, आरटीई एक्ट 2009 जिसमें सभी पैरा टीचरों को 2015 तक प्रशिक्षित होने का उल्लेख है) को आधार बनाकर।