प्रदेश के सहायता प्राप्त (एडेड) अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2013 में घोषित प्रधानाचार्यों के 599 पदों के लिए अगस्त 2020 तक साक्षात्कार नहीं हो सका है। 2013 के बाद लगातार माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद खाली हैं। सात वर्ष बीत जाने के बाद चयन बोर्ड प्रधानाचार्य के लगभग छह सौ पदों पर भर्ती क्यों नहीं कर सका, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
चयन बोर्ड की ओर से 31 दिसंबर 2013 को शुरू हुई 599 पदों की प्रधानाचार्य भर्ती के लिए प्रदेश के 25031 शिक्षकों ने आवेदन किए हैं। इसमें से बड़ी संख्या में शिक्षक प्रधानाचार्य बनने की आस लिए इन सात वर्षों में रिटायर हो चुके हैं। यही हाल 2011 के प्रधानाचार्य भर्ती में सामने आया, हाल में ही घोषित परिणाम में कई शिक्षकों का चयन रिटायरमेंट के बाद भी हो गया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी का कहना है कि 2013 में खाली पदों और उसके बाद सात वर्ष से लगातार खाली हो रहे प्रधानाचार्य के पदों को जोड़ दिया जाए तो प्रदेश में एडेड माध्यमिक विद्यालयों के लगभग एक हजार प्रधानाचार्य के पद खाली होंगे।
प्रधानाचार्य के पदों के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के बाद भी चयन बोर्ड के पास इस भर्ती को पूरा करने के लिए समय नहीं है। फरवरी 2020 में शिक्षकों की याचिका के जवाब में चयन बोर्ड ने अगस्त में साक्षात्कार शुरू करने का संकेत दिया था। इसके बाद कोरोना संक्रमण शुरू होने से मार्च से अगस्त के पहले सप्ताह तक चयन बोर्ड में सब कुछ ठप रहा। चयन बोर्ड के सूत्रों की मानें तो अक्तूबर में प्रधानाचार्य के पद के साक्षात्कार शुरू होने की उम्मीद है। चयन बोर्ड में इस समय टीजीटी विज्ञान एवं गणित के इंटरव्यू चल रहे हैं, यह इंटरव्यू 11 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद प्रधानाचार्य के पदों का साक्षात्कार हो सकता है।