नौकरी के साथ लग गई लॉटरी , शिक्षकों को मिलेगा नगर क्षेत्र का एचआरए, वेतन में 2 ह़जार रुपये से अधिक का पड़ेगा अन्तर

 लगभग दो द़र्जन नवनियुक्त शिक्षकों को मिलेगा नगर क्षेत्र का एचआरए, वेतन में 2 ह़जार रुपये से अधिक का पड़ेगा अन्तर

झाँसी : परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में नवनियुक्त सहायक अध्यापक नौकरी की सौगात मिलने से फूले नहीं समा रहे है। वहीं कुछ ऐसे खुशनसीब शिक्षक भी है जिनकी नियुक्ति के साथ ही लॉटरी भी लग गई है। उन्हे उन विद्यालयों में नियुक्ति मिली है जिनकी ख्वाहिश में ह़जारों शिक्षक पूरी नौकरी गु़जार देते है। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों के लिए हुई शिक्षकों की भर्ती में कुछ शिक्षक ऐसे विद्यालयों में नियुक्ति पाने में सफल रहे जहाँ नगर क्षेत्र का आवासीय भत्ता (एचआरए) दिया जाता है।

प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में चल रही 31 ह़जार से अधिक शिक्षकों की भर्ती के अन्तर्गत ़िजले में 483 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जा चुके है। उन्हे विद्यालयों का आवण्टन किया जा रहा है। गुरुवार को महिलाओं एवं दिव्यांग शिक्षकों को काउन्सलिंग हेतु खण्ड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र कार्यालय में बुलाया गया था। यहाँ ऐसे विद्यालयों की सूची चस्पा थी जिनमें से शिक्षक अपनी पसन्द का विद्यालय चुन सकते थे। दिलचस्प बात यह है कि इन विद्यालयों में कुछ ऐसे विद्यालय भी शामिल थे जिनमें नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को दोहरा लाभ होगा। पहला तो उन्हे एचआरए में फायदा होगा और दूसरा उन्हे शहर में अपने घर से मात्र चन्द किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। बबीना विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय मथुरापुरा भड़रा, प्राथमिक विद्यालय बलौरा, प्राथमिक विद्यालय नई पाली, प्राथमिक विद्यालय कोटखेरा, प्राथमिक विद्यालय ढिकौली, प्राथमिक विद्यालय पुनावलीकला, प्राथमिक विद्यालय राजगढ़ आदि तथा बड़ागाँव विकास खण्ड प्राथमिक विद्यालय अम्बाबाय, प्राथमिक विद्यालय लकारा सहित लगभग 2 दर्जन विद्यालयों के शिक्षकों को नगर क्षेत्र का आवासीय भत्ता देय है। ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय के सहायक शिक्षकों को आवासीय भत्ते के रूप में 1,340 रुपये मिलते है जबकि नगर क्षेत्र का आवासीय भत्ता 3,540 रुपये दिया जाता है। इस प्रकार ग्रामीण एवं नगर क्षेत्र के आवासीय भत्ते में 2 ह़जार से अधिक का अन्तर है। पदोन्नति के बाद यह अन्तर और बढ़ जाता है। नगर क्षेत्र के एचआरए के लिए अनेक शिक्षक परेशान रहते है किन्तु ऐसे विद्यालयों की संख्या कम होने के कारण उनका सपना पूरा नहीं हो पाता है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि शायद ़िजले में पहली किसी नई नियुक्ति में ऐसे विद्यालयों को शामिल किया गया है जो नगर क्षेत्र के आवासीय भत्ते की परिधि में आते है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर असोसिएशन के ़िजलाध्यक्ष डॉ. अचल सिंह चिरार का कहना है कि नवनियुक्त शिक्षकों को विद्यालयों का आवण्टन करने से पहले जनपद के भीतर शिक्षकों के तबादले होने चाहिए थे। शहर से 100 किलोमीटर से भी दूर प्रतिदिन विद्यालय जाने वाले सैकड़ों शिक्षक वर्षो से इसी आस में है कि उन्हे कभी न कभी तो शहर के नजदीक के विद्यालयों में आने का मौका मिलेगा किन्तु फिलहाल तो उनके अरमानों पर पानी फिर गया।

बबीना, बड़ागाँव में अब कहाँ से आ गई रिक्तियाँ?

बेसिक शिक्षा विभाग में प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज हो रही ऑनलाइन सूचनाओं का फायदा अब शिक्षकों तक पहुंचने लगा है। नवनियुक्त शिक्षकों को विद्यालयों के ऑनलाइन आवण्टन में शहर के उन विकास खण्डों के विद्यालयों को शामिल किया गया जिनके बारे में अमूमन यही धारणा है कि इन विकास खण्डों में तो शिक्षकों के पद ही रिक्त नहीं है। विद्यालय आवण्टन हेतु जारी सूची के अनुसार बबीना विकास खण्ड के लगभग 75 प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पद रिक्त है। कई विद्यालयों में तो एक से अधिक पद खाली है। वहीं शहर से सटे बड़ागाँव विकास खण्ड के भी लगभग 50 विद्यालय में शिक्षकों के पद रिक्त दर्शाए गए है। शिक्षकों का कहना है कि अब इन विकास खण्डों में कहाँ से इतनी रिक्तियाँ आ गई? ़िजले में बबीना एवं बड़ागाँव विकास खण्ड शिक्षकों की पहली पसन्द माने जाते है। सूत्रों का कहना है कि पूर्व में विभागीय अधिकारियों एवं लिपिकों की जुगलबन्दी से शहर से सटे विद्यालयों में रिक्तियों को सार्वजनिक ही नहीं किया जाता था। इन विद्यालयों में पदस्थापना में बड़े-बड़े खेल हो जाते थे किन्तु इस बार महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द ने प्रेरणा पोर्टल के जरिए ऐसी पारदर्शिता दिखाई कि किसी की दाल नहीं गल पायी।