प्रयागराज : 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में 31,661 पदों पर चयन मामले में एनआइसी से जवाब मांगा जा रहा है कि आखिर कम मेरिट के लोगों को नियुक्ति मिलने का आरोप क्यों लग रहा है?
इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट को बताया कि एनआइसी ने ही 67867 अनंतिम सूची से शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर 31661 पदों के सापेक्ष नई सूची जारी की है।संजय कुमार यादव व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने महाधिवक्ता से पूछा कि शिक्षक भर्ती में अधिक मेरिट वालों की अनदेखी करके कम मेरिट वालों का चयन किया गया है? इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में ओएमआर शीट के मूल्यांकन से लेकर अनंतिम चयन सूची तक मैनुअल नहीं बनी है। शीर्ष कोर्ट के आदेश पर 31661 पदों पर चयन करने में भी एनआइसी ने साफ्टवेयर के जरिए अनंतिम सूची तैयार की है। इसमें 67867 की सूची से ही अभ्यर्थी चयनित हुए हैं, जब जून माह में 67 हजार अभ्यर्थियों की सूची जारी हुई थी, तब कोई विवाद नहीं था। उसी से यह रिजल्ट बना है तो इसमें कम मेरिट पर चयन कैसे हुआ, इस पर एनआइसी से जवाब मांग रहे हैं।
महाधिवक्ता ने कहा कि यदि कोई गड़बड़ी मिलती है तो कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि एनआइसी से रिपोर्ट आने में दो हफ्ते का समय लगेगा। याची पक्ष से अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अनिल सिंह बिसेन आदि का कहना था कि नियुक्ति पत्र देने के लिए जारी की गई सूची में बहुत से ऐसे मामले हैं जिनमें कम गुणांक वालों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया है, जबकि अधिक गुणांक पाने वाले चयन से बाहर हैं। इससे पूर्व कोर्ट ने राज्य सरकार से इस विसंगति के बारे में जवाब मांगा था। मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी।