लखनऊ । एसएनबी उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रछात्राओं को फिजिकल एजूकेशन भी दिया जाएगा। इसके लिए मदरसा वोर्ड की नियमावली में वदलाव होगा।
मदरसा वोर्ड ने इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। उम्मीद की जा रही है कि नियमावली में बदलाव के वाद मदरसा शिक्षा वोर्ड से सम्वद्ध सरकारी मान्यता प्राप्त मदरसों के वैकल्पिक विषयों में फीजकल एजूकेशन शामिल हो जाएगा और मदरसों में एक-एक फिजिकलएजूकेशन अध्यापक की भर्ती का रास्ता साफ हो जाएगा। उत्तर प्रदेश में 16 हजार मदरसे हैं। इनमें से सरकारी तौर पर आर्थिक सहायता प्राप्त 560 मदरसे हैं। इन मदरसों में मुंशीमौलवी हाई स्कूल समकक्ष, आलिम इंटर समकक्ष व कामिल व फाजिल स्नातक की पढ़ाई होती है। अकेले सरकारी तौर पर मान्यता प्राप्त मदरसों में पांच लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। मदरसा शिक्षा वोर्ड ने मदरसों की शिक्षा के निजाम में मूलभूत सुधार किया है। मदरसा वोर्ड ने मदरसा माफियाओं पर पूरी तरह से नकेल कसी है। अब मदरसों की परीक्षाएं समय से होती हैं और समय से ही रिजल्ट आता है। परीक्षाओं के दौरान सख्ती का यह आलम है कि नकल न के वरावर होती है। अब मदरसों में फर्जीवाड़े की शिकायतें भी नहीं आती हैं। इसी सबके मद्देनजर उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा वोर्ड ने निर्णय लिया है कि यहां के छात्रों को मुख्य धारा के स्कूल- कालेजों से जोड़ने के लिए उनको फिजीकल एजूकेशन भी दी जाए लेकिन वोर्ड की नियमावली आड़े आ रही थी। वोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि इस सम्बन्ध में शासन को एक प्रस्ताव भेजा गया है। अगर इस प्रस्ताव पर शासन की सहमति मिल जाएगी तो प्रदेश के 560 मदरसों में फिजीकल एजूकेशन देने का रास्ता साफ हो जाएगा। यह वैकल्पिक विषय होगा और मदरसों में 560 शिक्षकों की भर्ती हो सकेगी।