प्राथमिक विद्यालयों में हुई दो शिक्षक भर्ती, दोनों में मेधावी चयन सूची से बाहर

 अजीब संयोग है कि परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक चयन की दो भर्तियां हुईं और दोनों में चयन सूची से मेधावी बाहर हो गए। दोनों में अंतर इतना है कि पिछली भर्ती में बाहर होने वाले अधिकांश अभ्यर्थी सामान्य व ओबीसी वर्ग के थे, इस बार ओबीसी व एससी अभ्यर्थी बहुतायत में हैं। सीएम के संज्ञान में प्रकरण आने से पिछली बार चयन से बाहर होने वालों को कुछ दिन बाद नियुक्ति पत्र मिल गया था लेकिन, इस बार अभ्यर्थी न्याय मिलने की राह देख रहे हैं।


  • 68500 भर्ती में मानक बदलने से 6127 अभ्यर्थी हुए थे बाहर
  • 69000 भर्ती में वर्गवार चयन मानक दुरुस्त करने में छूटा चयन

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों का चयन शैक्षिक मेरिट से होता रहा है। योगी सरकार ने चयन के लिए लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया। पहली भर्ती 68500 की हुई, अगस्त 2018 में लिखित परीक्षा में 41556 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। सभी से आनलाइन जिला वरीयता ली गई, उस समय 843 ने आवेदन ही नहीं किया था। अनंतिम चयन की सूची में 34660 अभ्यर्थी शामिल थे, जबकि 6127 को बाहर कर दिया गया था। इतने अभ्यर्थी बाहर होने की वजह यह रही कि चयन भर्ती के कुल पदों 68500 की जगह लिखित परीक्षा में सफल 41556 के आधार पर किया गया था। मुख्यमंत्री को इस गड़बड़ी की भनक लगी तो उन्होंने बाहर हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने का निर्देश दिया था।

अब 69000 शिक्षक भर्ती में भी ठीक वैसे ही हालात हैं। 31277 पदों की अनंतिम चयन सूची में ओबीसी व एससी के वे अभ्यर्थी शामिल नहीं है, जिनका चयन अनारक्षित सीटों पर हुआ था। उनके गुणांक से कम वालों को ओबीसी व एससी वर्ग में चयनित किया गया है। यह जरूर है कि परिषद के अफसर कुल पदों पर ओवरआल तय आरक्षण देने का दावा कर रहे हैं। इसीलिए आधे पद सामान्य वर्ग व बाकी पद आरक्षित अभ्यर्थियों को दिए गए हैं। चयन सूची से बाहर अधिक गुणांक वाले अभ्यर्थियों को अब 17 नवंबर का इंतजार कर रहे हैं, जब एनआइसी की रिपोर्ट आएगी कि आखिर वह कैसे बाहर कर दिए गए।