लखनऊ। शासन के कई विभाग रिक्त पदों को भरने के प्रस्ताव अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजने में रुचि नहीं ले रहे हैं। जो विभाग भर्ती प्रस्ताव भेज रहे हैं, उनमें खामियां सामने आ रही हैं। इससे भर्ती कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अब यह मामला शासन तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री सितंबर में नई भर्तियों पर कुंडली मारे बैठे भर्ती
आयोगों व चयन बो्डों के अध्यक्षों को छह महीने में रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया था। दो- तीन वर्ष पहले का अधियाचन भेजने वाले विभाग और द्विस्तरीय भर्ती प्रणली की मंजूरी का इंतजार कर रहा आयोग इसके बाद हरकत में आया। आयोग ने पूर्व से भर्ती के लिए लंबित 35,019 रिक्त पदों के 557 प्रस्ताव विभागों को लौटा दिए। उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को प्रस्ताव में शामिल कर नए सिरे से भेजने के निर्देश दिए हैं। नए सिरे से रिक्त पर्दों की स्थिति जोड़कर प्रस्ताव आने पर रिक्त पदों की संख्या 40 हजार से अधिक हो सकतो है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी | ने बताया कि तमाम ' विभाग नए सिरे से भर्ती प्रस्ताव देने में देरी कर रहे हैं। जिन कुछ एक विभागों ने प्रस्ताव दिया है, उनमें तमाम त्रुटियाँ आ रही हैं। ऐसे में भर्ती कार्यवाही को आगे बढ़ाने में मुश्किल आ रही है। विभागों से त्रुटिरहित भर्ती प्रस्ताव देने का आग्रह किया जा रहा है। . आयोग की प्रस्तावित भर्तियों में सबसे ज्यादा अवसर परिवार : कल्याण, राजस्व और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में है। आठ विभाग ऐसे सामने हैं जहां 1000 + या इससे अधिक पदों पर भर्ती काफी समय से लंबित है। 29 विभाग ऐसे हैं जहां 100 या इससे अधिक पद खाली हैं। नए सिरे से प्रस्ताव आने पर इनमें से अधिकतर विभागों में रिक्तियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।