कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी, ग्रेड पे व्यवस्था की जगह पे मैट्रिक्स व्यवस्था को मंजूरी

 कैबिनेट ने सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से संबंधित पदोन्नति द्वारा भर्ती से संबंधित नियमावली में बदलाव किया है। जिसके तहत अधिकारियों और कर्मचारियों की ग्रेड पे की व्यवस्था को बदलकर नए वेतनमान के अनुसार पे मैट्रिक्स में बदल दिया है। इसके लिए यूपी सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदंड) नियमावली-1994 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही कैबिनेट ने (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2019 को लागू करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। 



 प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड) नियमावली-1994 मूल रूप में 10 अक्टूबर, 1994 को लागू की गई थी। 23 फरवरी, 1996 को संबंधित नियमावली में प्रथम संशोधन किया गया, जिसके अनुसार समस्त प्राविधान को यथावत रखते हुए अधिकतम वेतनमान की सीमा 5700 रुपए कर दी गई।इसके बाद इस नियमावली में 10 जून, 1998 द्वारा द्वितीय संशोधन किया गया, जिसके अनुसार समस्त प्राविधान को यथावत रखते हुए अधिकतम वेतनमान की सीमा 18300 रुपए कर दी गई। उन्होंने बताया कि 12 अगस्त, 2010 को इस नियमावली में तृतीय संशोधन किया गया, जिसके अनुसार समस्त प्राविधान को यथावत रखते हुए अधिकतम ग्रेड-पे की सीमा 8700 रुपए कर दी गई। यह नियमावली वर्तमान में प्रभावी है। 

वेतन समिति (2016) की संस्तुतियां पहली जनवरी, 2016 से प्रभावी पुनरीक्षित वेतन संरचना में इस वेतनमान को पे-मैट्रिक्स लेवल-13 (1,23,100-2,15,900 रुपए) में रखा गया है। अतः इस नियमावली में उल्लिखित वाक्य ‘वेतन बैण्ड-4 (37400-67000 रुपए) और ग्रेड वेतन 8700 रुपए या इससे अधिक के स्थान पर पे-मैट्रिक्स लेवल-13 (1,23,100-2,15,900 रुपए) या इससे अधिक को पे-मैट्रिक्स संरचना में प्रतिस्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। अतः प्रश्नगत पुनरीक्षित वेतन पे-मैट्रिक्स को सम्बन्धित नियमावली में रखने उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2019 को लागू किया जा रहा है। इससे अब अधिकारियों, कर्मचारियों को पे मैट्रिक्स पाने के लिए कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।