अब सरकार निजी डीएलएड (बीटीसी कॉलेज) कॉलेजों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। निजी कॉलेजों के नियमन के लिए दिशा-निर्देश तय होंगे और पूरा ब्यौरा ऑनलाइन मौजूद होगा। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल
बनाया जाएगा और नियमानुसार मानकों के सत्यापन के बाद ब्यौरा यहां दर्ज होगा। इससे मानकों पर चलने वाले संस्थान ही डीएलएड पाठ्यक्रम चला पाएंगे, वहीं एक ही संस्थान में कई पाठ्यक्रम की मान्यता लेने पर भी रोक लगेगी। प्रदेश में 3000 से ज्यादा निजी कॉलेज हैं जहां दो लाख से ज्यादा विद्यार्थी प्रशिक्षण लेते हैं।पहले चरण में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद एक पोर्टल तैयार करवा रहा है, जिस पर स्कूलों के यू-डायस कोड की तर्ज परहर कॉलेज का एक कोड तय होगा। इसके बाद इन डीएलएड संस्थानों को मानकों के मुताबिक खोला गया है या नहीं, वहां की जमीन संस्थान के नाम है या नहीं, मानक के अनुरूप कक्षा कक्ष है, खेल का मैदान, जनरेटर -इनवर्टर की व्यवस्था है या नहीं, शिक्षकों का अनुमोदन परीक्षा नियामक प्राधिकारी से लिया गया है या नहीं, ये सब परखा जाएगा। सत्यापन के दौरान यह भी देखा जाएगा कि उस संस्थान में डीएलएड के अतिरिक्त कोई अन्य पाठ्यक्रम तो नहीं चल रहा है। अक्सरजांच में सामने आता है कि एक ही कॉलेज में डीएलएड, बीएड के साथ अन्य पाठ्यक्रमों की मान्यता व सम्बद्धता ले ली जाती है क्योंकि ये सब अलग-अलग विभागों से मिलती है। अब डीएलएड कॉलेजों का ब्यौरा ऑनलाइन होने के बाद वहां मौजूद संसाधनों का ब्यौरा कोई भी ऑनलाइन देख सकेगा। इससे बीएड या अन्य पाठ्यक्रमकी मान्यता देने से पहले देखा जा सकेगा।
थर्ड पार्टी मूल्यांकन व रेटिंग भी
पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए निजी संस्थानों की रेटिंग भी तय होगी। विभागीय सत्यापन के अलावा थर्ड पार्टी मूल्यांकन भी किया जाएगा। प्राइमरी स्कूलों की तर्ज पर यहां भी पठन-पाठन और प्रशिक्षण संबंधी गतिविधियों के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार होंगे। पोर्टल बनने के बाद यहां का निरीक्षण माड्यूल भी तैयार होगा।