खाली पड़े स्कूल, छह माह से 67 शिक्षकों को मिल रहा घर बैठे वेतन

 महोबा। जिले के कई परिषदीय विद्यालय बिना शिक्षकों के ही संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में शिक्षा मित्र और अनुदेशकों को अन्य स्कूलों से बुलाकर कक्षाएं संचालित की जा रही है। वहीं 67 शिक्षक घर बैठे वेतन पा रहे हैं। यह शिक्षक छह माह पूर्व अंतर जनपदीय स्थानांतरण के तहत आए थे जिनका अब तक विद्यालयों का आवंटन नहीं हो सका है। एक सितंबर से प्राथमिक तो खुल गए हैं। शिक्षक बीएसए कार्यालय में हाजिरी लगाकर घर चले जाते है। जिले के 849 परिषदीय विद्यालयों में 93,600 बच्चे पंजीकृत हैं।

वेतन पर प्रति माह खर्च हो रहे 37 लाख
अंतर जनपदीय स्थानांतरण के तहत आए 67 शिक्षकों को बिना शिक्षण कराए ही प्रतिमाह लगभग 37 लाख 34 हजार 740 रुपये का वेतन पर खर्च हो रहा है।
कोट
अंतर जनपदीय स्थानांतरण के तहत आए 67 शिक्षकों के विद्यालय का आवंटन नहीं हो सका है। यह प्रक्रिया शासन स्तर से ही पूर्ण होनी है। सभी शिक्षक कार्यालय उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। 69 हजार शिक्षक भर्ती के 22 शिक्षकों कों विद्यालय का आवंटन नहीं हुआ है।

- सूर्यभान, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
बिना शिक्षकों के संचालित हैं विद्यालय
पनवाड़ी। विकास खंड पनवाड़ी के जूनियर विद्यालय रिवई, चौका, अमानपुरा, प्राथमिक विद्यालय रिछा बगैर शिक्षकों के ही संचालित हो रहे हैं। ग्राम रिवई के जूनियर स्कूल में दो वर्ष से बगैर शिक्षको के स्कूल चल रहा है, यहां 50 से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं। जूनियर स्कूल ग्राम पंचायत चौका जहां मार्च 2021 से कोई शिक्षक नही है। 113 बच्चे पंजीकृत हैं।
जूनियर स्कूल अमानपुरा मार्च 2021 से शिक्षक नही है बच्चो की संख्या है 69 है। प्राथमिक विद्यालय रिछा में सात माह से शिक्षक नहीं है, जहां 155 बच्चे पंजीकृत हैं। इन विद्यालयों में कही अनुदेशक तो कहीं शिक्षा मित्र को दूसरे स्कूल से बुलाया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी शैलेश कुमार ने बताया कि शिक्षकों की समस्या को लेकर विभाग को पत्र लिखा जा चुका है। (संवाद)