लखनऊ। अब नौकरियों के पद सृजन, भर्ती व पदोन्नति संबंधी आधार विभिन्न विभागों में अलग-अलग होने की विसंगति दूर की जाएगी। वित्त विभाग ने इस संबंध में एकरूपता के लिए कार्मिक विभाग की राय लिए जाने के बाद ही किसी प्रस्ताव पर विचार करने का फैसला किया है।
प्रदेश में वर्तमान में विभिन्न विभागों की नियमावलियों पर वित्त वेतन आयोग अनुभाग-2 से परामर्श किया जा रहा है। पद सृजन व पुनर्गठन संबंधी कार्यवाही व्यय नियंत्रण अनुभागों की सहमति से हो रहे हैं। अपर मुख्य सचिव (एसीएस) वित्त एस. राधा चौहान के मुताबिक नियमावलियों के परीक्षण में पाया गया है कि एक ही स्तर के पदों की भर्ती व पदोन्नति आदि के अर्हकारी आधार विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग रखे गए हैं।
उन्होंने कहा है कि यूपी कार्य बंटवारा नियमावली, 1975 के अंतर्गत नियमावलियों, संवर्गों के पुनर्गठन व पदोन्नति के मापदंडों की समरूपता तय करने का विषय पूरी तरह कार्मिक विभाग का है। इसके अलावा कार्य बंटवारा नियमावली के अंतर्गत जहां वित्त विभाग की सहमति से ही आदेश जारी करने की व्यवस्था की गई है। इससे स्पष्ट होता है कि ऐसे आदेशों पर वित्त विभाग की सहमति से पूर्व कार्मिक विभाग की सहमति होनी चाहिए। ऐसे में इस तरह के प्रकरणों पर पहले कार्मिक विभाग से परामर्श / सहमति प्राप्त की जाए।
न्यायालय में वादों में की जा सकेगी कमी
अपर मुख्य सचिव वित्त ने शासन के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि राज्य सरकार के प्रत्येक विभाग में नीतिगत एकरूपता व भविष्य में न्यायालयों में उत्पन्न होने वाले वादों से बचने के लिए ऐसे प्रकरण में पहले कार्मिक विभाग की राय ली जाए। इसके बाद ही प्रकरण वित्त विभाग को भेजे जाएं। इससे एक ओर लंबित मामलों का समय से निस्तारण हो सकेगा। वहीं कार्मिक विभाग के मार्गदर्शन में कार्मिकों से जुड़े प्रकरणों को सामंजस्य के साथ निस्तारण किया जा सकेगा। इससे न्यायालय में वादों में भी कमी की जा सकेगी।
0 تعليقات