उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 15 दिसंबर से विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आहूत करने का निर्णय किया है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है। सरकार शीतकालीन सत्र में चालू वित्तीय वर्ष के लिए एक और अनुपूरक बजट ला सकती है। वहीं अगले वित्तीय वर्ष के शुरुआती चार महीनों में सरकार के आवश्यक खर्चों का इंतजाम करने के लिए लेखानुदान लाएगी।
योगी सरकार का यह पांचवा साल है। चुनावी साल में योगी सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान इस वित्तीय वर्ष के लिए दूसरा अनुपूरक बजट पेश कर सकती है जिसमें कुछ वर्गों पर डोरे डालने के लिए नई योजनाओं के लिए संसाधन जुटाये जा सकते हैं। इनमें किसानों और गरीब परिवारों के लिए सौगातें हो सकती हैं। श्रम संहिता व पोंजी स्कीम पर अंकुश लगाने से जुड़े कानूनों में संशोधन संबंधी विधायी कार्य भी शीतकालीन सत्र में होने के आसार हैं।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में निर्वाचित सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मूल बजट पेश करेगी। ऐसे में अगले वित्तीय वर्ष के शुरुआती चार महीनों के दौरान सरकार के जरूरी खर्चों से निपटने के लिए सरकार शीतकालीन सत्र में लेखानुदान भी लाएगी। शीतकालीन सत्र संक्षिप्त होगा जिसकी अवधि अधिकतम तीन दिन रहने की संभावना है। हालांकि इसके बारे में विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति फैसला करेगी।