नई दिल्ली : कोरोना काल में जब स्कूल-कालेज बंद पड़े हैं और छात्रों के पास पढ़ाई का एक मात्र जरिया आनलाइन ही बचा है। ऐसे में आनलाइन शिक्षा के नाम पर फर्जीवाड़े भी बढ़े हैं। फिलहाल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों को इसे लेकर सतर्क किया और सलाह दी है कि बगैर मान्यता और संबद्धता को जांचे किसी भी आनलाइन प्रोग्राम या कोर्स में दाखिला न लें। खासकर आनलाइन पढ़ाई करा रही शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी निजी कंपनियों को लेकर बिल्कुल सतर्क रहें, क्योंकि इन्हें ऐसे कोर्स चलाने की अनुमति नहीं है।
उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए निर्धारित किए गए आनलाइन कोर्स के नियमों का हवाला देते हुए यूजीसी ने साफ किया है कि इन कोर्स को चलाने की अनुमति फिलहाल उन्हीं विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को है जो यूजीसी के मानकों को पूरा करते है। इन कोर्स को किसी दूसरे संस्थानों या निजी कंपनियों को संचालित करने की अनुमति बिल्कुल भी नहीं है। ऐसे में शिक्षा से जुड़ी निजी क्षेत्र की जो भी आनलाइन कंपनियां छात्रों को इस तरह के कोर्स या प्रोग्राम में दाखिला देने का आफर दे रही हैं, वे बिल्कुल गलत है। ऐसी कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इनकी गतिविधियों पर नजर भी रखी जा रही है।
यूजीसी के मुताबिक आनलाइन पढ़ाई कराने वाली निजी क्षेत्र से जुड़ी इन कंपनियां की ओर से आनलाइन और दूरस्थ माध्यमों से संचालित होने वाले प्रोग्राम या कोर्स में यह कहते हुए दाखिला देने का प्रस्ताव किया जा रहा है कि वह विश्वविद्यालयों से संबद्ध हैं। इन कोर्स को चलाने की संबद्धता किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान की ओर से दी ही नहीं जा सकती।