शिक्षक-कर्मचारी ने पुरानी पेंशन के लिए सोशल मीडिया को बनाया हथियार, चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग

शिक्षक कर्मचारी अपनी आवाज को सोशल मीडिया के माध्यम से राजनीतिक दलों तक पहुंचाना चाहते हैं। इसके लिए सोशल मीडिया एक बड़ा प्लेटफार्म ट्विटर अभियान चलाया गया। शिक्षक कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए अटेवा के बैनर तले विभिन्न सोशल प्लेटफार्म के जरिए अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।

अटेवा पेंशन बचाओ मंच उप्र के प्रदेश मीडिया प्रभारी डा. राजेश कुमार ने बताया कि अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष व एमएनओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के आह्वान पर 16 जनवरी को दोपहर दो बजे लेकर शाम पांच बजे तक कर्मचारियों, शिक्षकों, अधिकारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए सोशल मीडिया में ट्विटर पर वोट फॉर ओपीएस अभियान चलाया। इस अभियान में देश व उत्तर प्रदेश के शिक्षक कर्मचारियो ने भाग लिया। जिससे यह हैश टैग लगातार ट्रेंड में बना रहा। ट्विटर अभियान के माध्यम से प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री व राज्यों के मुख्यमंत्रियो से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की गयी। चुनाव को ध्यान में रखते हुए विभिन्न दलों के प्रमुख नेतागणों से पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को घोषणा पत्र में रखने व प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने की भी अपील ट्विटर अभियान के माध्यम से की गई।


चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग

एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने बताया कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। उत्तर प्रदेश सहित देश के लाखों-लाख पेंशन विहीन शिक्षक कर्मचारियों ने ट्विटर अभियान के माध्यम से अपनी एकता का प्रदर्शन किया है। पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर सभी कर्मचारी एकजुट है। इनको नजरअंदाज करना सभी दलों को भारी पड़ेगा। इसलिए अटेवा और एनएमओपीएस यह मांग करता है कि शिक्षक, कर्मचारियों के इस मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में रखकर इसे प्रमुख मुद्दा बनाएं और सरकार बनने पर इसे लागू करें।