साहब! पत्नी की कल शाम से तबीयत खराब है, अस्पताल में भर्ती है। कोई देखभाल करने वाला नहीं है। कृपया, मुझे चुनाव ड्यूटी से मुक्त कर दीजिए। पति शहर से बाहर रहते हैं, आठ महीने का बेटा हैं। ऐसे में कैसे चुनाव ड्यूटी कर सकती हूं। कृपया, मानवीयता दिखाते हुए ड्यूटी से हटा दीजिए। बुधवार को धनीपुर मंडी में पोलिंग पार्टियों की रवानगी के दौरान कंट्रोल रूम व अधिकारियों से चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए मतदान कर्मचारी कुछ इस तरह फरियाद करते रहे। लेकिन अफसरों ने उनकी एक नहीं सुनी और स्टाफ कम होने का हवाला देते हुए ड्यूटी काटने से मना कर दिया है। इस पर कर्मचारी अनमने ढंग से चुनाव ड्यूटी लेकर अपनी पोलिंग पार्टियों के साथ रवाना हो गए हैं।
शहर में रहने वाले पुष्पेंद्र कुमार व उनकी पत्नी दीप्ती दोनों शिक्षक हैं। पुष्पेंद्र खैर में तो दीप्ती लोधा ब्लॉक में तैनात हैं। चुनाव में दोनों की ड्यूटी लगा दी गई। ऐसे में उनके सामने समस्या पैदा हो गई कि अब बेटे की देखभाल कौन करेगा? घर में कोई दूसरा नहीं है।
चुनाव आयोग का आदेश है कि यदि पति-पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी हैं तो एक की ड्यूटी चुनाव में लगाई जाएंगी। इसके बावजूद अफसरों ने उनकी नहीं सुनी है। पुष्पेंद्र की कोल विधान सभा क्षेत्र के एक बूथ पर तो दीप्ती की खैर विधान सभा क्षेत्र के एक बूथ पर ड्यूटी लगायी गई है। शहर की रहने वाली प्रिया अपने छह माह के बेटे को लेकर ड्यूटी करने पहुंची थी। प्रिया का कहना था कि उन्होंने विभाग को लिखित में दिया था, फिर भी उनकी ड्यूटी लगा दी गई।
पोलिंग पार्टियों के वाहन हुए खराब
धनीपुर मंडी से पोलिंग पार्टियों को ले जाने वाले ऐन वक्त पर धोखा दे गए। अतरौली विधान सभा के एक मतदान केंद्र पर जाने वाली पोलिंग पार्टी जैसे ही बस में सवार हुई, तभी बस बंद हो गई। तमाम कोशिशों के बाद भी बस चालू न हुई तो कर्मचारियों ने अफसरों को जानकारी दी। इसके बाद रिजर्व में रखे गए वाहन से पोलिंग पार्टी को भेजा जा सका। ऐसे कई वाहन रहे, जो पोलिंग पार्टियों को ले जाते समय खराब हो गए। इससे मतदान कार्मिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।