केंद्रीय विद्यालयों में 10 छात्रों को प्रवेश के लिए मिला सांसदों का कोटा खत्म हो सकता है। लोकसभा में सोमवार को सभी दलों के सांसदों ने कोटा बढ़ाने या फिर स्थायी रूप से खत्म करने की मांग की। स्पीकर ओम बिरला के हस्तक्षेप के बाद शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वह जल्द ही सभी दलों के नेताओं से बातचीत कर अंतिम निर्णय लेंगे।
प्रश्नकाल में कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि प्रवेश कोटा सांसदों के लिए जी का जंजाल बन गया है। एक सांसद लगभग 40 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि प्रतिवर्ष वह दस बच्चों का ही प्रवेश दिला सकता है। ऐसे में या तो कोटा को बढ़ाकर कम से कम 50 किया जाए या इसे हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाए।
तिवारी की मांग का सभी दलों के सांसदों ने समर्थन किया। इस दौरान स्पीकर के पूछने पर सभी दलों के सांसदों ने कोटा समाप्ति पर हामी भरी। इस पर स्पीकर ने कहा कि शिक्षामंत्री सभी दलों के नेताओं से बातचीत कर निर्णय लेंगे।
प्रधान भी कोटा खत्म करने के पक्ष में शिक्षामंत्री प्रधान ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए कोटा सिस्टम को सुधारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। पहले सांसदों के पास कोटा नहीं था। बाद में दो से पांच और अब दस है। हालांकि इस मामले में सांसदों को तय करना है कि वह कोटा चाहते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही सभी दलों के नेताओं की इस विषय पर राय लेकर उचित फैसला करेंगे।