UP के बेसिक शिक्षा मंत्री चुनाव क्यों हारे? जानिए मीडिया के मुताबिक कहीं यह वजह तो नहीं बनी हार की मुख्य कारण

उत्तर प्रदेश में BJP की ऐसी लहर चली कि समाजवादी पार्टी के अलावा सभी दल हवा हो गए. क्या कांग्रेस और क्या बीएसपी, योगी की सुनामी ने सबको पानी-पानी कर दिया, बीएसपी का खाता बंद होते-होते रह गया. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की इस प्रंचड विजय में भी बीजेपी के कुछ दिग्गज अपनी साख मिट्टी में मिलने से नहीं बचा पाए. ऐसे ही नेताओं में से एक हैं सतीश द्विवेदी. योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री थे, सिद्धार्थनगर की इटवा सीट से चुनाव मैदान में थे और चुनाव हार गए. समाजवादी पार्टी प्रत्याशी ने सतीश द्विवेदी को हरा दिया, गनीमत इस बात की रही कि सतीश द्विवेदी की जमानत जब्त नहीं हुई?


आखिर ऐसा क्या हुआ कि योगी की प्रचंड लहर में उनका मंत्री चुनाव हार गया? इस सवाल के कई जवाब हो सकते हैं, लेकिन फिलहाल हम सतीश द्विवेदी के चुनाव हारने की दो वजहों की बात करेंगे. सतीश द्विवेदी पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने भाई को EWS कोटे से असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी दिलवा दी. मई 2021 में जब सतीश का भाई अरुण द्विवेदी सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में EWS कोटे से असिस्टेंट प्रोफेसर बना तो सोशल मीडिया पर खूब बवाल हुआ, अंदर ही अंदर खबर यह भी आई कि योगी आदित्यनाथ भी इससे खुश नहीं थे, विवाद बढ़ा तो सतीश द्विवेदी के भाई ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया.

ताली थाली बजाकर मांगी थी नौकरी
सतीश द्विवेदी यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री थे, उत्तर प्रदेश के बेरोजगारों नौजवानों में सबसे ज्यादा आक्रोश बेसिक शिक्षा विभाग के प्रति था. लखनऊ का इको गार्डन इसका जीवंत सबूत था. शिक्षक भर्ती में गड़बड़ियों को लेकर हजारों की संख्या में नौजवानों ने लखनऊ में डेरा डाल दिया था. धीरे-धीरे बेरोजगारों का आंदोलन, प्रयागराज पहुंच गया. यहां दिसंबर जनवरी के महीने में हजारों की संख्या में बेरोजगारों ने बेसिक शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया था. रात के अंधेरे में शिक्षा विभाग के खिलाफ ताली और थाली बजाकर युवाओं ने नौकरी मांगी थी.

UP TET का पेपर हुआ था लीक
UP TET का पेपर भी बेसिक शिक्षा विभाग के अंतरगत आने वाली एजेंसियां करवाती हैं. 28 नवंबर 2021 को जब UP TET का पेपर लीक हुआ तो लाखों छात्र आक्रोशित हो गए. 20 लाख से ज्यादा नौजवान उत्तर प्रदेश के अलग अगल जिलों में परीक्षा देने गए थे, लेकिन पेपर लीक होने से सभी नाराज हो गए. नए सिरे से परीक्षा करवाने और शिक्षक भर्ती गड़बड़ियों को दूर करने का जो वादा शिक्षा विभाग ने किया था वो पूरा नहीं हो पाया. 23 जनवरी 2022 को UP TET परीक्षा और 27 फरवरी 2022 को रिजल्ट का वादा सतीश द्विवेदी के बेसिक शिक्षा विभाग ने ही किया था, लेकिन आज 13 मार्च 2022 तक UP TET का रिजल्ट नहीं आया.

शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला और वादा खिलाफी का जो आरोप सतीश द्विवेदी पर लगा वो भी चुनाव में बड़ा फैक्टर बना. अभ्यर्थी कहते रहे कि आरक्षण में घोटाला हुआ है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग इनकार करता रहा. अंत में 24 दिसंबर 2021 की शाम को सतीश द्विवेदी मीडिया के सामने आते हैं और स्वीकार करते हैं कि आरक्षण में विसंगतियां हुई थीं, जिन्हें दूर करने का फैसला किया गया है.

24 दिसंबर 2021 को सतीश द्विवेदी ने शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों से वादा किया कि 17,000 पदों पर भर्ती के लिए काउंसिलिंग की जाएगी, पूरी प्रक्रिया 6 जनवरी 2022 तक पूरी कर ली जाएगी, आज 13 मार्च है, किसी भी अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं मिली


अखिलेश यादव ने किया था वादा
अखिलेश यादव ने पूरे यूपी में घूम घूमकर प्रचार किया कि वो सत्ता में आएंगे तो शिक्षक भर्ती की सभी विसंगतियों को दूर करके नौजवानों को नौकरी देंगे. अखिलेश यादव के इस वादे पर लोगों ने भरोसा भी किया, भले ही उनकी पार्टी सत्ता में नहीं आई लेकिन सपा के वोट शेयर में जो बढ़ोतरी हुई है उससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि शिक्षक भर्ती के पीड़ितों ने अखिलेश पर भरोसा किया. सतीश द्विवेदी की हार की मुख्य वजह शिक्षक भर्ती नौजवानों का आक्रोश है.