लखनऊ : लंबे समय से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को इस बार भी निराश होना पड़ सकता है। राज्य सरकार 2022-23 का ट्रांसफर सीजन शून्य करने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक नई सरकार के गठन के वाद तवादला नीति की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी गई थी, लेकिन इस पर कोई निर्णय लिए विना फाइल वापस कर दी गई है। ऐसे में उम्मीद कम ही है कि सरकार इस बार नई तवादला नीति जारी करेगी।
प्रदेश में हजारों की संख्या में ऐसे कमचारी हैं जो नीति का इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब हैं कि 2018 में आई तबादला नीति 31 मार्च, 2022 तक लागू थी। पॉलिसी में लगातार देरी की वजह से कर्मचारी असमंजस की स्थिति में हैं।
कोविड के कारण नहीं हो सके तबादले : 2020 में कोविड महामारी का प्रसार बढ़ा तो 12 मई 2020 को कुछ प्रतिबंधों के साथ सभी तवादलों पर रोक लगा दी गई थी। योगी सरकार के पिछले कार्यकाल के आखिरी वर्ष 2021-22 में चुनाव से पहले तवादले की कार्यवाही शुरू की गई लेकिन कोविड के चलते 15 जून 2021 को स्थानांतरण नीति के तहत आदेश हुए और 15 जुलाई तक तवादले कर दिए गए थे। पुरानी नीति के अनुसार हर साल विभाग के कार्मिकों की संख्या के 20 प्रतिशत तक तवादलों की अनुमति दी जाती रही है। जिले में 3 साल और मंडल में 7 साल पूरा करने वाले कर्मी हटाए जाते रहे हैं।
कर्मचारी हैं परेशान : कर्मचारियों का कहना है कि समय से स्थानांतरण न होने से सबसे ज्यादा मुश्किल बच्चों के स्कूलों में दाखिले को लेकर होती है। कई वार अच्छे स्कूलों में दाखिला नहीं मिल पाता। वीमारी व अन्य कारणों से तबादले के लिए परेशान कर्मियों को भी नई तवादला नीति का इंतजार है।
पटल परिवर्तन के आदेश जारी कर चुकी है सरकार : शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताविक पटल परिवर्तन का आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है। ऐसे में ट्रांसफर पॉलिसी लाने की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है, क्योंकि जो भी कर्मचारी लंबे समय से एक जगह पर तैनात है। उनके क्षेत्र में परिवर्तन कर दिया जाएगा।
कई जिलों में कर्मचारी लंबे समय से तैनात हैं और वो ट्रांसफर चाहते हैं। ऐसे में ट्रांसफर पॉलिसी से उनको बडी उम्मीदें हैं, लेकिन जैसे-जैसे देरी हो रही है, कर्मचारियों की परेशानी बढ़ रही है।-सतीश कुमार पांडे, अध्यक्ष, जवाहर भवन- इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ
सरकार को कम से कम ऐसे कर्मचारियों का ट्रांसफर करना चाहिए, जो ऑन रिक्वेस्ट ट्रांसफर चाहते हैं। ऑन रिक्वेस्ट ट्रांसफर होने से सरकार के ऊपर अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ेगा।– अतुल मिश्रा, महामंत्री, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद
सरकारी कर्मचारियों के तबादले करना या न करना सरकार का अधिकार है। लेकिन इस पर असमंजस की स्थिति नहीं रहनी चाहिए। कर्मचारियों को स्पष्ट मालूम होना चाहिए कि इस बार उनका तबादला हो सकता है या नहीं। इससे वे समय रहते भविष्य की प्लानिंग कर सकेंगे। ऐसा न होने पर कर्मचारियों को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है। इसका असर काम पर भी पड़ता है। सरकार को जल्द से जल्द तबादला नीति पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।