शिक्षामित्र और अनुदेशकों के सहारे संचालित हो रहे स्कूल
बांदा जिले के 31 सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं है। शिक्षकविहीन स्कूलों में 15 प्राइमरी और 16 जूनियर हाईस्कूल हैं। इन स्कूलों के करीब ढाई हजार छात्रों का भविष्य चौपट हो रहा है। स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती और छात्रों की पढ़ाई सुनिश्चित होने का काम सरकार के 100 दिन के एजेंडे में रहा है, मगर बेसिक शिक्षा विभाग सीएम योगी के मिशन को पलीता लगा रहा है।
मौजूदा सत्र में जिन प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, उसमें सात स्कूल ग्रामीण क्षेत्र के हैं, जबकि आठ स्कूल शहरी एरिया में स्थित है। शिक्षकविहीन सभी 16 जूनियर स्कूल नगर क्षेत्र के हैं। इन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई शिक्षामित्र या फिर अनुदेशकों के सहारे है। अभिभावक रामकुमार, शिवलाल का कहना है शिक्षक नहीं होने से हजारों बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है।
जिन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती नहीं है। इनमें पांच से छह स्कूल ऐसे हैं, जो एकल थे। यहां तैनात प्रधानाध्यापक पिछले सत्र में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वहीं, कई स्कूलों के शिक्षकों ने आलाधिकारियों की मिलीभगत से अपना तबादला या फिर संबद्धीकरण नजदीक के स्कूल में करा लिया है।