सिद्धार्थनगर, बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी है। समय-समय पर भर्ती होने के बाद भी शत-प्रतिशत रिक्ति पूरी नहीं हो पा रही है। हाल में शासन से मांगी गई रिपोर्ट में मार्च 2023 तक शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्योरा चौंकाने वाला है। जनपद में 6164 शिक्षकों के पद खाली हो जाएंगे। ऐसे में परिषदीय विद्यालयों की पढ़ाई किसके भरोसे होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन प्राथमिक विद्यालयों एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 11978 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों की संख्या 6024 है और 5954 पद खाली हैं। मार्च 2023 तक शिक्षकों के रिटायर होने की स्थिति में 6164 पद खाली हो जाएंगे। सबसे अधिक दुर्गति उच्च प्राथमिक विद्यालयों की हैं, जहां आज भी शिक्षकों की बड़ी संख्या में पद खाली चल रहे हैं।
समग्र शिक्षा अभियान समेत समय-समय पर लागू योजनाओं, कार्यक्रमों के सफल संचालन का जिम्मा शिक्षकों पर ही निर्भर रहता है। शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को सिर्फ अध्यापन कार्य में ही लगाया जा सकता है। ऐसे में आने वाले समय में शिक्षकों के पद भरे नहीं गए तो मौजूदा समय में कार्यरत रहने वाले शिक्षक संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन देखेंगे या बच्चों को पढ़ाएंगे, यह बड़ा सवाल होगा।
एक शिक्षक के भरोसे 13 विषय की पढ़ाई
बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालयों (जूनियर) में शिक्षकों के रिक्त पदों से शैक्षणिक कार्य लड़खड़ा गया है। जिले में प्रधानाध्यापक के 333 पदों के सापेक्ष कार्यरत सिर्फ 15 हैं। जहां एकल शिक्षक हैं, उन पर कक्षा छह, सात और आठ के विद्यार्थियों को 13-13 विषय पढ़ाने का भार है। परिषदीय पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों का भारी टोटा है। रिक्तियों के कारण शिक्षण व्यवस्था पटरी से उतरती नजर आ रही है।
कक्षा छह, सात और आठ के विद्यार्थियों को मंजरी, रेनबो, गणित, विज्ञान, संस्कृत, उर्दू, महान व्यक्तित्व, हमारा इतिहास और नागरिक जीवन, कृषि विज्ञान, पृथ्वी और हमारा जीवन, गृह शिल्प, खेल और स्वास्थ्य, स्काउट एंड गाइड विषय पढ़ाने का जिम्मा केवल एक शिक्षक पर है।
सात वर्ष से नहीं हुई पदोन्नति
शिक्षकों की घोर कमी का कारण प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति न होना मुख्य है। पिछले सात वर्ष से जिले में पदोन्नति की प्रक्रिया को पूर्ण नहीं किया गया। प्रतिवर्ष शिक्षक सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं और नियुक्ति अथवा पदोन्नति न होने से स्थिति बिगड़ गई है।
शासन स्तर से बेसिक स्कूलों में शिक्षकों के स्वीकृत पद, तैनाती और मार्च 2023 तक रिक्तियों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी गई थी। जिसकी सूचना भेज दी गई है। जहां तक पदोन्नति का सवाल है, उस बारे में उच्च स्तर से निर्देश मिलने के बाद प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
- देवेंद्र कुमार पांडेय, बीएसए