बेसिक शिक्षा विभाग में चल रही शिक्षकों की अन्तरजनपदीय तबादला प्रक्रिया में तीन हजार से ज्यादा शिक्षकों ने अपने गृह जनपद या उसके पास के जिले में जाने के लिए आवेदन कर दिया। विभाग इनकी पत्रावलियों की जांच कर रहा है। खास बात यह है कि इनमें से *करीब दो सौ शिक्षकों ने असाध्य बीमारी की बात कही है।*
*ट्रांसफर के लिए बड़ी संख्या में असाध्य बीमारी के मामले आने पर बीएसए ने इनकी फिजिकल जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन कराया। शनिवार को मेडिकल बोर्ड के सामने सैकड़ों शिक्षक पहुंच गए। हालांकि 50 शिक्षकों के दावों की ही जांच हो सकी। अन्य की जांच भी कराई जाएगी।*
*अन्तजर्नपदीय तबादला करीब 10 फीसदी शिक्षकों के होने हैं।* तबादला के लिए अलग-अलग कैटेगरी निर्धारित की गई हैं। इनमें महिलाओं, असाध्य रोगियों, पति-पत्नी के सरकारी सेवा में होने, पति-पत्नी या पाल्य के असाध्य रोग से पीड़ित होने पर इनको तबादला में भारांक दिया जाएगा। बताया जाता है कि भारांक हासिल करने के लिए शिक्षकों ने असाध्य बीमारी के प्रपत्र लगाए । भारी संख्या में यह प्रपत्र सामने आने के बाद विभाग भी परेशान है। बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पाण्डेय ने बताया कि असाध्य रोग को लेकर जिन शिक्षकों ने प्रपत्र लगाए हैं उनकी जांच के लिए डीएम के निर्देश पर सीएमओ से मिलकर एक पैनल गठित किया गया है। इस पैनल में विभाग के अधिकारियों के अलावा डीएम की ओर से नामित अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हैं।
*शनिवार को* बीमारी के प्रपत्र लगाने वाले शिक्षकों को सीएमओ कार्यालय बुलाया गया। एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में मेडिकल परीक्षण के लिए तैनात बोर्ड में एसीएमओ डॉ. बीसी पंत, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ एके द्विवेदी, सर्जन डॉ. सतीश वर्मा फिजीशियन डॉ. रोहित पाठक, शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी बृजेश कुमार त्रिपाठी सहित तमाम लोगों की मौजूदगी में मेडिकल परीक्षण कराया गया। परीक्षण कराने के लिए पहले से तय लिस्ट के अनुसार पांच पांच लोगों को परीक्षण के लिए भेजा गया। इसमें पहले दिव्यांगता का परीक्षण हुआ। इसके बाद अन्य गंभीर बीमारी और रोगों को लेकर परीक्षण किया गया। सुबह से दोपहर तक मेडिकल परीक्षण एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में हुआ। इसके बाद सीएमओ ऑफिस में परीक्षण किया गया।