Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

दंपती अलग जिलों में नियुक्त हैं तो पति को अंतरजनपदीय स्थानांतरण का हक

 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त पुरुष अध्यापकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा है कि विशेष परिस्थिति में पुरुष अध्यापकों का भी अंतरजनपदीय स्थानांतरण

किया जा सकता है। इसमें एक जिले में पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने की बाध्यता लागू नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि पति और पत्नी दोनों परिषदीय विद्यालय में अध्यापक हैं तो पति अंतरजनपदीय स्थानांतरण की मांग की जा सकती है।




 भले ही उसने अपनी नियुक्ति वाले जिले में पांच वर्ष का आवश्यक कार्यकाल पूरा न किया हो। न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने पति-पत्नी को एक ही जिले में नियुक्त करने की मांग को लेकर दाखिल संजय सिंह व आठ अन्य अध्यापकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए निदेशक बेसिक शिक्षा को आदेश दिया कि एक माह के भीतर इन अध्यापकों के प्रत्यावेदन पर नए सिरे से निर्णय लें। कोर्ट ने निदेशक द्वारा इन अध्यापकों की अंतरजनपदीय स्थानांतरण की मांग रद्द करने का आदेश भी खारिज कर दिया है।

याचियों के अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा का कहना था कि याची प्रदेश के विभिन्न जिलों में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त हैं। जबकि उनकी पत्नियां भी परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापिका हैं और वे दूसरे जिलों में नियुक्त हैं।



विशेष परिस्थिति पर कोई विचार नहीं किया
इसके विरुद्ध दाखिल याचिका में अधिवक्ता नवीन शर्मा का तर्क था कि निदेशक ने अनिरुद्ध कुमार केस में हाईकोर्ट के निर्णय के संबंध में याची की विशेष परिस्थिति पर कोई विचार नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि निदेशक का पांच अक्टूबर 2021 का आदेश अनिरुद्ध कुमार त्रिपाठी केस में दिए हाईकोर्ट के निर्देशों के संबंध में पूरी तरह मौन है जबकि पुरुष अध्यापकों द्वारा विशेष परिस्थिति होने पर एक जिले में पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करना अब कोई बाध्यता नहीं रही। अदालत ने उक्त निष्कर्ष के आधार पर निदेशक का आदेश रद्द करते हुए नए सिरे से विचार करने को कहा है।

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates

Random Posts