प्रयागराज : यूपीपीएससी की परीक्षाओं में भी सेंधमारी हुई थी। 2016 की आरओ/ एआरओ परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। उसकी जांच के बाद आयोग को परीक्षा रद करनी पड़ी।
इस बार भी ऐसे ही हालात दिख रहे हैं। पेपर लीक की जांच चल रही है, अभ्यर्थियों को जांच पर भरोसा नहीं है। परीक्षा रद कर फिर से कराने की मांग कर रहे हैं। पुलिस भर्ती परीक्षा के रद होने से आयोग पर दबाव बढ़ा है।आरओ/एआरओ- 2016 की प्रारंभिक परीक्षा 27 नवंबर 2016 को 21 जिलों के 827 केंद्रों पर कराई गई थी। वह परीक्षा 361 पदों के लिए हुई थी। दो पालियों में आयोजित परीक्षा में 3,85,192 अभ्यर्थियों के सापेक्ष 2,04,900 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। लखनऊ के एक केंद्र पर पेपर लीक हुआ था। पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ के हजरतगंज थाने पेपर लीक होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसकी जांच सीबीसीआइडी ने की थी। जांच लंबी
चली और फिर उसे रद करके 2020 में पुनः परीक्षा कराई गई। पेपर लीक के कारण वह भर्ती पांच वर्ष में पूरी हुई थी। इसके अलावा पीसीएस- 2015 की प्री परीक्षा का भी पेपर आउट आउट हुआ था। आयोग को उसे रद करके दोबारा परीक्षा करानी पड़ी थी। पीसीएस- 2016 की मुख्य परीक्षा में एक केंद्र पर दूसरी पाली का प्रश्न पत्र पहली पाली में बांट दिया गया था। इसलिए उस परीक्षा को भी रद किया गया था। राजकीय इंटर कालेजों के लिए प्रवक्ता और सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2018 में भी पेपर लीक हुआ था। उसे बाद आयोग को फिर से परीक्षा करानी पड़ी थी। पेपर लीक मामले में पूर्व में आयोग के अफसरों पर भी कार्यवाही हो चुकी है।