Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

69000 शिक्षक भर्ती मामले में HC के फैसले के बाद सरकार पर कसा शिकंजा

 लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 69 हजार शिक्षक (69000 Teachers) भर्ती मामले में यूपी सरकार को तगड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए इस भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने 3 महीने के भीतर नई मेरिट लिस्ट जारी करने के आदेश दे दिए हैं। कोर्ट के इस

फैसले को सपा मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है। सभी को इस संघर्ष में मिली जीत की बधाई और नव नियुक्तियों की शुभकामनाएं। इतना ही नहीं, बीजेपी की सहयोगी पार्टी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।






कोर्ट का फैसला आने के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया आना शुरू हो गई है। अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 69000 शिक्षक भर्ती भी आख़िरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई। यही हमारी मांग है कि नए सिरे से न्यायपूर्ण नयी सूची बने। जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियां संभव हो सकें और प्रदेश में भाजपा काल में बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके। अखिलेश ने कहा कि हम नई सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हकमारी या नाइंसाफ़ी न हो, ये सुनिश्चित करवाने में कंधे-से-कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों का साथ निभाएंगे।


अपना दल की अनुप्रिया क्या बोलीं?

अपना दल एस की मुखिया और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी कोर्ट के आए फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने पोस्ट के जरिये कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत है। खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना था कि इस भर्ती मामले में आरक्षण नियमों की अनदेखी हुई। अब जबकि माननीय उच्च न्यायालय ने आरक्षण नियमों का पूर्ण पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया है, तब उम्मीद करती हूं कि वंचित वर्ग के प्रति न्याय होगा।

अनुप्रिया पटेल ने आगे कहा कि जो माननीय उच्च न्यायालय ने कहा है, मैंने भी हमेशा वही कहा है। उन्होंने कहा कि मैंने इस विषय को हमेशा सदन से लेकर सर्वोच्च स्तर पर उठाया है। साथ ही कहा कि जब तक इस प्रकरण में वंचित वर्ग को न्याय नहीं मिल जाता मैं इस विषय को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए लगातार हर संभव प्रयास करती रहूंगी।


राजभर की पार्टी ने भी किया सपोर्ट

इसके अलावा बीजेपी की सहयोगी सुभासपा ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। सुभासपा प्रवक्ता अरुण राजभर ने कहा कि ओपी राजभर ने इस मुद्दे को सदन से लेकर सड़क तक उठाया है। अरुण राजभर ने कहा कि जब तक अनियमितताओं को दूर कर 69 हजार शिक्षक भर्ती आरक्षण नियमावली का सही से पालन कर नई लिस्ट नहीं बनकर जारी होती है, तब तक युवाओं को न्याय और उनका हक़ दिलाने के लिए लगातार लड़ाई जारी रहेगा।



स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी दिया बयान

इसके अलावा पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 69000 शिक्षक भर्ती में यूपी बीजेपी सरकार द्वारा आरक्षित पदों पर सामान्य वर्ग के लोगों के भर्ती घोटाले का संज्ञान लेते हुए 3 महीने के अन्दर आरक्षण नियमावली का पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि हम पहले से ही 18000 पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति के आरक्षित पदों पर किए गए घोटाले का मुद्दा उठाते रहे हैं। इसीलिए उच्च न्यायालय के इस निर्णय का हम स्वागत करते हैं। विश्वास है कि आरक्षित वर्ग के पीड़ित अभ्यर्थियों को अब न्याय अवश्य मिलेगा।

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts