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अचानक पहुंचे बेसिक शिक्षा अधिकारी को विद्यालय में न बच्चे मिले और न ही शिक्षक, फिर क्या.....

 लखनऊ। सरकारी स्कूल का संचालन सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक होना अनिवार्य है। बावजूद उसके दो बजे ही प्रधानाध्यापक ने बच्चों को छोड़ दिया। यह खुलासा बीएसए के औचक निरीक्षण में हुआ। मौके पर शिक्षक भी अनुपस्थित मिले। नाराज बीएसए ने वेतन वृद्धि रोकते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।



बीएसए ने सोमवार को काकोरी के एक और मलिहाबाद के दो विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। बीएसए राम प्रवेश करीब दो बजे मलिहाबाद कसमंडी कला विद्यालय प्रथम में पहुंचे। यहां उन्हें एक भी बच्चा नहीं मिला। प्रधानाचार्य का चार्ज संभाल रहे अवधेश कुमार पहले तो बीएसए को पहचान ही नहीं पाए। जब उनसे बीएसए ने बच्चे न होने का कारण पूछा तो पता चला की जल्दी


छुट्टी की गई है। इस दौरान अन्य शिक्षकों में सतीश चंद्र, अनिल कुमार गौतम का अवकाश का विवरण नहीं पाया गया। मनीष श्रीवास्तव मौके पर नहीं मिले। बताया गया कि प्रधानाध्यापक ऊषा लंबे समय से मेडिकल अवकाश पर चल रही हैं।


विद्यालय की ऐसी चौपट व्यवस्था को देखते हुए सभी शिक्षकों को बीएसए ने नोटिस जारी किया है। साथ ही वेतन वृद्धि भी रोक दी गई है।


बीएसए राम प्रवेश ने बताया कि मौजूदा समय में सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक विद्यालय में शिक्षण कार्य होगा। इसके बाद शिक्षक 3:30 बजे तक विद्यालय में रुककर विभागीय कार्य निपटाएंगे। 


मलिहाबाद के प्राथमिक विद्यालय कसमंडी कला-2 को नया भवन मिलेगा। बीएसए ने बताया कि निरीक्षण के दौरान सारा आकलन कर लिया गया है। इसके लिए बजट भी जारी हो गया है। जल्द ही यहां निर्माण कार्य शुरू होगा।


अभी तक 100 शिक्षकों पर हुई कार्रवाई, 12 की रुकी वेतन वृद्धि


बता दें कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की इस तरह की लापरवाही पर राजधानी में इस साल करीब 100 शिक्षकों पर कार्रवाई हो चुकी है। 12 शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकी गई। बावजूद उसके शिक्षक सुधरने को तैयार नहीं हैं।


प्राथमिक स्कूल चतुरीखेड़ा काकोरी में जर्जर मिले ब्लैक बोर्ड


■ प्राथमिक स्कूल चतुरीखेड़ा काकोरी में ब्लैकबोर्ड जर्जर अवस्था में मिले। बीएसए ने प्रधानाध्यापक से इसका कारण पूछा तो पता चला कि इस सत्र में बोर्ड को सही नहीं कराया गया। जांच में पता चला कि विद्यालय विकास के लिए आने वाली कंपोजिट ग्रांट से व्यवस्था दुरुस्त की जानी थीं जो नहीं हुआ। बीएसए ने जवाब मांगा है। यहां पंजीकृत 34 बच्चों में से 31 उपस्थित मिले


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