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72825 शिक्षक भर्ती UP 2025: सुप्रीम कोर्ट के संकेत और अगली सुनवाई की रणनीति

 उत्तर प्रदेश में 72825 शिक्षक भर्ती का मामला पिछले कई वर्षों से विवादों और कानूनी लड़ाई का विषय रहा है। यह मामला शैक्षणिक मेरिट, TET और B.Ed योग्यता से जुड़ा हुआ है। 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए संकेत ने इस मामले को नए मोड़ पर ला दिया है।

इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से बताएँगे कि:

  • क्या हुआ 2017 में

  • सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में क्या संकेत दिया

  • भविष्य के लिए उम्मीदवारों और नेतृत्वकर्ताओं की रणनीति

  • इस पूरे मामले के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम

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1. 72825 शिक्षक भर्ती: पृष्ठभूमि

72825 शिक्षक भर्ती यूपी में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामला रहा है। भर्ती प्रक्रिया में शामिल थे:

  • TET मेरिट

  • B.Ed और अन्य शैक्षणिक योग्यता

  • नियमावली का 15वां संशोधन

मुख्य विवाद:

  • राज्य सरकार ने नियमावली में संशोधन कर अकादमिक मेरिट पर चयन को लागू किया।

  • कोर्ट में अपील के कारण लगभग 66,000 उम्मीदवारों की नियुक्ति लंबित हो गई।


2. 2017 का सुप्रीम कोर्ट अंतरिम निर्णय

दिनांक 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील के पक्ष में अंतरिम आदेश दिया।

अंतरिम आदेश के प्रमुख बिंदु:

  1. 66,000 नियुक्तियों की सुरक्षा

    • सुप्रीम कोर्ट ने संविधान प्रदत्त शक्तियों का उपयोग कर इन्हें सुरक्षित रखा।

    • अन्यथा, सभी नियुक्तियाँ रद्द हो सकती थीं।

  2. उदाहरण स्वरूप दयालुता

    • यह आदेश केवल दयालुता और सहृदयता पर आधारित था, कानूनी बाध्यता नहीं।

विशेष ध्यान दें: यह निर्णय शिक्षक समुदाय के लिए जीवनदायिनी साबित हुआ और उन्हें रोजगार खोने से बचाया।


3. 2017 के बाद संघर्ष और अनुभव

2017 के बाद भी कई उम्मीदवार और नेतृत्वकर्ता लगातार शासन और न्यायालय के दरवाजों तक दौड़ते रहे।

प्रमुख तथ्य:

  • कई लोग निराश हुए, फिर भी संघर्ष जारी रखा।

  • कुछ उम्मीदवारों ने धनार्जन भी किया, लेकिन यह संघर्ष आत्मविश्वास और जिजीविषा का प्रतीक रहा।

  • कोर्ट ने भी स्पष्ट किया कि उनके संघर्ष में कानूनी मेरिट नहीं थी, केवल सहृदयता के संकेत दिए गए।

इस संघर्ष ने यह दिखाया कि कर्मठता और धैर्य के बिना कोई परिणाम नहीं मिलता।


4. सुप्रीम कोर्ट का हालिया संकेत

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने सभी याचिकाओं के अवमानना वाद को सुना।

कोर्ट ने क्या कहा:

  • कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कानूनी आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती

  • सभी फाइलों को किनारे रख कर सहृदयता और दयालुता के साथ उपस्थित लोगों के लिए सकारात्मक संकेत दिए।

  • यह संकेत दयालुता पर आधारित था, कानूनी दावेदारी नहीं।

अर्थ:

  • उम्मीदवार उत्साहित हैं, लेकिन केवल कोर्ट के संकेत पर सरकार को चुनौती देना उचित नहीं।

  • राज्य सरकार का सकारात्मक दृष्टिकोण होना आवश्यक है।


5. रणनीति और अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई 22/01/2026 निर्धारित है। उम्मीदवारों और नेतृत्वकर्ताओं को निम्न रणनीति अपनानी चाहिए:

  1. स्थानीय विधायक और सांसदों के माध्यम से पैरवी

    • प्रत्येक नेतृत्वकर्ता को राजनीतिक प्रतिनिधियों के माध्यम से राज्य सरकार में सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

  2. मुख्यमंत्री के समक्ष अनुरोध

    • मुख्यमंत्री से सहृदयतापूर्वक सकारात्मक निर्णय लेने और उसे अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का अनुरोध करें।

  3. सुनवाई में तारतम्यता बनाए रखना

    • न्यायालय और सरकार दोनों के विचारों में समानता और तारतम्यता सुनिश्चित करें।

चेतावनी: यदि यह रणनीति नहीं अपनाई गई तो केवल याचिकाएँ बनती रहेंगी, पर कोई ठोस परिणाम नहीं मिलेगा।


6. 2016 बनाम 2025 की परिस्थितियाँ

  • 2016 में B.Ed प्राथमिक शिक्षक के लिए वैध था, ATRE परीक्षा नहीं थी।

  • वर्तमान में नियम, उम्र और योग्यता मानदंड बदल चुके हैं।

इसलिए पुराने अनुभव और रणनीति को सीधे लागू करना संभव नहीं है।

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